आज INS कलवरी के साथ एक नए सफर की शुरुआत: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय नौसेना को देश की स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस कलवरी समर्पित की;
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय नौसेना को देश की स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस कलवरी समर्पित की। प्रधानमंत्री ने इसे भारत की रक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण नया युग कहा।
कलवरी की शक्ति, या कहें टाइगर शार्क की शक्ति हमारी भारतीय नौसेना को और मजबूत करेगी: PM @narendramodi
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मोदी ने औपचारिक रूप से पनडुब्बी के ऊपर लगी आईएनएस कलवरी की कमीशनिंग पट्टी का अनावरण किया और विभिन्न नौसैना अधिकारियों से हाथ मिलाया।
यह 17 वर्ष से अधिक समय के बाद भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली पहली पारंपरिक पनडुब्बी है। नौसेना की पनडुब्बी शाखा ने 2017 में ही अपनी स्वर्ण जयंती मनाई थी।
मोदी ने इस अवसर वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए इस परियोजना के विकास में मदद के लिए फ्रांस का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, "यह हाल के दिनों में भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों के और अधिक मजबूत होने का प्रतीक है।"
कलवरी के निर्माण में सहयोग के लिए मैं फ्रांस को भी धन्यवाद देता हूं। ये पनडुब्बी भारत और फ्रांस की तेजी से बढ़ती स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है: PM @narendramodi
प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएनएस कलवरी से देश के रक्षा, आर्थिक, तकनीकी और अंतर्राष्ट्रीय क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
आज INS कलवरी के साथ एक नए सफर की शुरुआत हो रही है। समुद्र देव आपको सशक्त रखें, सुरक्षित रखें: PM @narendramodi
मोदी ने कहा, "21वीं शताब्दी एशिया की होगी और हिंद महासागर, जिसे मैं एसएजीएआर (क्षेत्र में सभी का सुरक्षा व विकास) कहता हूं, को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण और रणनीतिक भूमिका निभाएगा।"
कहा जाता है कि 21वीं सदी एशिया की है। ये भी तय है कि 21वीं सदी के विकास का रास्ता हिंद महासागर से होकर ही जाएगा। इसलिए हिंद महासागर की हमारी सरकार की नीतियों में विशेष जगह है। ये अप्रोच, हमारे विजन में झलकती है: PM @narendramodi
मझगांव डॉकयॉर्ड लिमिटेड ने अपनी परियोजना 75 के तहत अत्याधुनिक विशेषताओं वाली इस पनडु़ब्बी का निर्माण किया है। फ्रांस की डीसीएनएस ने इसमें तकनीकी सहयोग किया है।
इस मौके पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.वी. राव, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे, भारत में फ्रांस के राजदूत एलेक्जेंडर जीग्लर और नौसेना प्रमुख सुनील लांबा सहित कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।