कोहरे के मौसम में हवाई अड्डे पर कम होगी असुविधा

दिल्ली हवाई अड्डे पर देश के सबसे ऊँचे और आधुनिकतम एटीसी टावर से परिवहन नियंत्रण का काम शुरू होने कारण इस साल कोहरे के मौसम में यात्रियों को कम असुविधा का सामना करना पड़ेगा;

Update: 2019-12-17 19:00 GMT

नयी दिल्ली । दिल्ली हवाई अड्डे पर देश के सबसे ऊँचे और आधुनिकतम एटीसी टावर से परिवहन नियंत्रण का काम शुरू होने कारण इस साल कोहरे के मौसम में यात्रियों को कम असुविधा का सामना करना पड़ेगा।

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (डायल) द्वारा कोहरे के मौसम को लेकर तैयारियों के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के महाप्रबंधक (हवाई यातायात प्रबंधन) एस.बी. शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस साल अगस्त में नये एटीसी टावर से परिवहन नियंत्रण शुरू करने के बाद हवाई अड्डे की क्षमता बढ़ गयी है। पहले जहाँ व्यस्ततम समय में प्रति घंटे 73 विमानों की आवाजाही संभव थी अब वह क्षमता बढ़कर 81 हो गयी है।

 शर्मा ने बताया कि इस 103 मीटर ऊँचे एटीसी टावर से हवाई अड्डे के 90 प्रतिशत क्षेत्र को सीधे आँखों से देखा जा सकता है जबकि पहले मात्र 50 प्रतिशत के करीब क्षेत्र ही दृश्यता के दायरे में था और अन्य क्षेत्र के लिए कैमरे पर निर्भर रहना पड़ता था। इससे एक बार कोहरा छँटने के बाद इंतजार कर रहे विमानों को कम समय में रवाना करने में आसानी होगी।

उन्होंने बताया कि पुराने एटीसी टावर की तुलना में नये टावर में ज्यादा आधुनिक वीएचएफ और रडार प्रणाली है। इससे आने वाले विमानों से भी ज्यादा पहले संपर्क किया जा सकेगा। पुराने वीएचएफ की रेंज 150 समुद्री मील थी जबकि नये वीएचएफ की रेंज 240 समुद्री मील है। आने वाले विमानों से पहले संपर्क करने का फायदा यह होगा कि जरूरत के वक्त उन्हें समय रहते निकटवर्ती हवाई अड्डों पर डावर्ट किया जा सकेगा।

डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जैपुरियार ने बताया कि कोहरे के कारण रद्द उड़ानों के यात्रियों को बिना पेरशानी टर्मिनल बिल्डिंग से बाहर जाने देने के लिए इस बार विशेष प्रबंध किये गये हैं। हवाई अड्डे की सुरक्षा करने वाले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के साथ यह सहमति बनी है कि उन्हें रद्द उड़ानों की अग्रिम जानकारी दी जायेगी और वे उन यात्रियों को विशेष प्रक्रिया के तहत टर्मिनल भवन से बाहर निकालेंगे जिसमें समय की बचत होगी और यात्रियों को परेशानी कम होगी। वर्तमान में किसी यात्री को बोर्डिंग पास जारी होने के बाद उसे हवाई अड्डे से निकालने के लिए लंबी प्रक्रिया है और ऐसे हर यात्री के साथ उस एयरलाइन के कर्मचारी का होना जरूरी है जिससे उसे यात्रा करनी थी।

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