हलफनामा दाखिल न करने वाले राज्यों का जुर्माना सुप्रीम कोर्ट ने किया दोगुना

उच्चतम न्यायालय ने देशभर में सामुदायिक रसोइयां बनाए जाने के मामले में हलफनामा दाखिल न करने पर दिल्ली, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा और गोवा पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है।;

Update: 2020-02-17 14:11 GMT

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देशभर में सामुदायिक रसोइयां बनाए जाने के मामले में हलफनामा दाखिल न करने पर दिल्ली, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा और गोवा पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है।

न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को गत 10 फरवरी के अपने निर्देश पर अमल न किए जाने को लेकर पांच राज्यों पर लगाया जुर्माना पांच लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया।

गौरतलब है कि न्यायालय ने भुखमरी के कारण देश में हो रही मौत और खाद्य सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए गत सोमवार को केंद्र और राज्य सरकारों की उदासीनता को लेकर जुर्माना लगाया था।

खंडपीठ ने सामुदायिक रसोई से जुड़ी जनहित याचिका पर 24 घंटे में हलफनामा दाखिल करने वाले राज्यों को एक लाख रुपए देने और अन्य पर पांच लाख का जुर्माना लगाया था।

इस मामले में शीर्ष अदालत केंद्र और राज्य सरकारों से खाद्य सुरक्षा और सामुदायिक रसोई की व्यवस्था को लेकर हलफनामा दाखिल करने को कहा गया था। उस दिन तक सिर्फ सात राज्यों अंडमान, कर्नाटक, पंजाब, उत्तराखंड, झारखंड, नागालैंड और जम्मू-कश्मीर ने ही उच्चतम न्यायालय में हलफनामा पेश किया था।

कई राज्यों ने हलफनामा पेश नहीं किया था जिसे लेकर पिछले पांच महीनों से मामला लटका हुआ है। हैरानी की बात है कि केंद्र सरकार की ओर से भी उस दिन तक हलफनामा पेश नहीं किया गया है।

न्यायालय ने कहा कि जो राज्य 24 घंटे में हलफनामा पेश कर देंगे, उन्हें एक लाख रुपए का जुर्माना देना होगा। उसके बाद कुछ राज्यों ने तो हलफनामा दाखिल कर दिया था लेकिन उक्त पांच राज्यों ने निर्देश के बावजूद अभी तक हलफनामा दाखिल नहीं किया जिसके बाद आज न्यायालय ने जुर्माना राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख कर दी।

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