हाट-बाजारों में अभी भी शुल्क की वसूली धड़ल्ले से
प्रदेश सरकार द्वारा जहां एक ओर नगरीय क्षेत्रों में बाजार वसूली बंद कर दी है और वहीं पंचायत स्तर के हाट बाजारों में वसूली लघु व्यवसायीयों से आज भी जारी है;
आदेश का असर नहीं व्यापारियों में आक्रोश
तखतपुर। प्रदेश सरकार द्वारा जहां एक ओर नगरीय क्षेत्रों में बाजार वसूली बंद कर दी है और वहीं पंचायत स्तर के हाट बाजारों में वसूली लघु व्यवसायीयों से आज भी जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले हाट बाजारों में होने वाली वसूली में गरीब और छोटे व्यवसायी दुकान लगाते है जिनसे आज भी वसूली होना समझ से परे है राज्य सरकार द्वारा अपनाएं जा रहे इस दोहरे मापदण्ड को लेकर ग्रामीणजनों में आक्रोश व्याप्त है और ग्रामीण क्षेत्र के हाट बाजारों में होने वाली वसूली को बंद कराने की मांग की है।
राज्य सरकार द्वारा छोटे लघु उद्योग करने वालों को और ऐसे व्यवसायी जो सड़कों पर दुकानें लगाकर अपना जीवन यापन करते है ऐसे लघु व्यापार करने वाले व्यवसायीयों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 1 अपै्रल से नये वित्तीय वर्ष से राहत दी और प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में सब्जी बाजार का होने वाला ठेका प्रणाली को बंद कर दिया है जिसके बाद छोटे छोटे ऐसे व्यापारी जो प्रतिदिन सड़क पर दुकान लगाने का पैसा ठेकेदार को देते थे
उस वसुली से लघु व्यापारीयों को राहत मिली है और वास्तव में गरीब तपके के लोग जो रोजमर्रा का समान लेकर सड़कों पर बेचते है उन्हें राज्य सरकार के इस नये आदेश से बहुत राहत मिली पर यह राहत नगरीय निकाय क्षेत्र के लोगों तक ही सीमित रह गई और यह आदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास तक नही पहुंचा जिसके कारण पंचायत क्षेत्र में लगने वाली हाट बाजारों में आज भी लघु दुकानदारों से वसुली जारी है और छोटे छोटे दुकानदार जो अपनी आजीविका चालने के लिए सप्ताह में एक बार गांव में भरने वाली बाजार में दुकान लगाते है
उनसे पंचायत वसुली कर रही है इसका उदाहरण तखतपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत विजयपुर है जहां लगने वाले हाट बाजार में पंचायत द्वारा बकायदा रशीद काटकर वसुली की जा रही है जबकि राज्य सरकार ने नये वित्तीय वर्ष में नगरीय निकाय क्षेत्रों को होने वाली वसुली से राहत दिला दी गई है।
आदेश पंचायत व ग्रामीण विकास तक नहीं पहुंचा
शासन द्वारा नगरीय निकाय क्षेत्रों में होनी वाली हाट बाजारों में होने वाली वसुली को 1 अपै्रल 2018 से राहत पहुंचाते हुए ठेका नही कराने का आदेश दिया जिसके तहत प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में इस बार बाजार वसुली का ठेका नही हुआ और वर्षो से चली आ रही इस ठेका प्रणाली से लघु व्यवसायीयों को मुक्ति मिल गई पर राज्य सरकार का यह आदेश केवल नगरीय निकाय, नगर निगम, नगरपालिका, नगर पंचायत तक सीमित रह गया और यह आदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास तक नही पहुंचने से बाजार वसुली आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में जारी है जबकि सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में राहत देना था जहां बहुत ही गरीब परिवार कमजोर वर्ग के लोग हाट बाजारों में सप्ताह के एक दिन भरने वाली बाजार में अपनी दुकाने लगाते है।
दोहरा मापदण्ड
शासन द्वारा बाजार वसुली का आदेश 1 अपै्रल 2018 से निरस्त कर दिया गया है पर यह आदेश नगरीय निकाय क्षेत्रों के लिए है ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नही है अब ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली इस वसुली से ग्रामीण क्षेत्र के छोटे व्यवसायी शासन के इस सौतेले आदेश से परेशान है जहां विजयपुर के बलराम पाली ने राज्य सरकार से मांग की है कि जिस तरह नगरीय निकाय को बाजार वसुली से मुक्त रखा गया है वैसे ही प्रदेश की पंचायतों में बाजार वसुली आदेश पर रोक लगाया जाए।
आदेश नहीं मिला
ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार वसूली आय का प्रमुख साधन है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास से बाजार वसूली बंद कराने का ऐसा कोई आदेश नही मिला है।
राजेंद्र प्रसाद पाण्डेय
सीईओ जनपद पंचायत तखतपुर।