टीसी काटे जाने के विरोध में धरना छठे दिन रहा जारी
इंदिरापुरम प्रेसीडियम स्कूल में वार्षिक एवं विकास शुल्क नहीं जमा करने वाले विद्यार्थियों की टीसी काटे जाने के विरोध में चल रहे;
गाजियाबाद। इंदिरापुरम प्रेसीडियम स्कूल में वार्षिक एवं विकास शुल्क नहीं जमा करने वाले विद्यार्थियों की टीसी काटे जाने के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के छठे दिन रविवार को नोएडा और दिल्ली के अभिभावकों ने भी समर्थन दिया। अभिभावकों ने ढोल-नगाड़ा बजाकर स्कूल गेट से शिप्रा मॉल तक प्रदर्शन किया। सोमवार को अभिभावकों का एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मिलने जाएगा। रविवार सुबह करीब आठ बजे अभिभावकों ने प्रदर्शन शुरू किया। 10 बजे नोएडा और दिल्ली के अभिभावक यहां पहुंचे और धरना को अपना समर्थन दिया।
अभिभावकों ने ढोल, नगाड़ा और बर्तन बजाकर प्रदर्शन शुरू किया। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल विरोधी नारे लगाए। अभिभावकों ने कहा कि छह दिन से अन्याय के विरोध में उनका प्रदर्शन चल रहा है लेकिन सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। सरकार की कानों तक आवाज पहुंचाने लिए ढोल-नगाड़े का प्रयोग कर रहे हैं। स्कूल गेट पर प्रदर्शन करने बाद अभिभावकों ने शिप्रा मॉल तक मार्च निकाला। वहां पर भी प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने बताया कि सोमवार को उनका एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मिलने जाएगा। शेष अभिभावक स्कूल गेट पर प्रदर्शन करेंगे।
कल से होनी है परीक्षा
स्कूल में मंगलवार से अर्द्घवार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी हैं। स्कूल से निकाले गए विद्यार्थियों को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं निकल सका है। अपर नगर मजिस्ट्रेट, स्कूल प्रबंधन, जिला विद्यालय निरीक्षक सभी के साथ हुई बैठक विफल रही है। सोमवार को यदि इस मुद्देे पर कोई निर्णय नहीं हुआ, तो इन विद्यार्थियों की परीक्षाएं छूटनी तय हैं
यह है पूरा मामला
वार्षिक एवं विकास शुल्क को लेकर तीन साल से विवाद चल रहा है। संयुक्त शिक्षा निदेशक के आदेशानुसार इन मदों में जबरन शुल्क नहीं वसूल सकता है। अभिभावक इन मदों का शुल्क नहीं जमा कर रहे हैं। इसको लेकर अपर जिलाधिकारी के साथ भी बैठक हुई है। फिर भी 25 जुलाई को स्कूल प्रबंधन ने इन मदों में शुल्क नहीं जमा करने वाले 34 बच्चों की टीसी काट दी।
अभिभावकों ने तीन अगस्त को उच्च न्यायालय इलाहाबाद में वाद दायर किया। अभिभावक न्यायालय के आदेश और शासन स्तर पर शुल्क को लेकर बनी समिति के निर्णय के अनुसार शुल्क देने की बात कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन इसके लिए तैयार नहीं है।