सोहना रोड, सिविल लाइंस के बीच का रास्ता खुलेगा!

मुख्यमंत्री प्रोग्राम के चलते शनिवार को रास्ते के पांच साल से बन्द पड़े गेट खोल दिए गए;

Update: 2019-12-08 01:13 GMT

- अमित नेहरा   

गुरुग्राम। नरबीर सिंह वर्ष 2014 में जब बादशाहपुर से विधायक बनकर राज्य सरकार में केबिनेट मंत्री बने थे तो उन्होंने पहला कार्य यह किया था कि सोहना रोड को सिविल लाइंस से मिलाने वाले रास्ते को स्थाई रूप से बन्द करवा दिया था। इसकी वजह यह थी कि उनकी कोठी इस रास्ते के बिल्कुल सामने पड़ती थी।

शायद मंत्री को वाहनों का शोरगुल और लोगों की आवाजाही पसन्द नहीं थी। लेकिन नरबीर सिंह के इस मनमाने फैसले ने इस रास्ते का रोजाना इस्तेमाल करने वाले हजारों लोगों के सामने समस्या पैदा कर दी। यह रास्ता बंद होने से 2 किलोमीटर का रास्ता अतिरिक्त चलना पड़ता था और रेड लाइट में फंसने का झंझट अलग से था। इसके चलते गुरुग्राम के प्रदूषण में तो इजाफा हुआ ही साथ ही लोगों का अमूल्य समय और डीजल-पेट्रोल का अतिरिक्त खर्च बढ़ गया था।

महत्वपूर्ण बात यह थी कि इस रास्ते का इस्तेमाल सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि सिविल लाइंस एरिया में रहने वाले सभी सरकारी अधिकारी भी करते थे। चूंकि मामला हाई प्रोफाइल था अत: किसी भी अधिकारी में इस रास्ते को अवैध तरीके से बन्द करने पर आधिकारिक रूप से बोलने की हिम्मत नहीं थी।

खास बात यह थी कि रोड-सड़क-निर्माण का महकमा पीडब्ल्यूडी खुद नरबीर सिंह के पास ही था।  इस रास्ते का इस्तेमाल करने वाले अनेक लोगों ने समय समय पर इस रास्ताबन्दी के खिलाफ आवाज भी उठाई पर उनकी यह आवाज नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह गई। इसके चलते अफसरों और आम नागरिकों ने पिछले पांच साल बड़ी दिक्कतें सहीं।

इस बार बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में नरबीर सिंह का टिकट काट दिया। अत: वे अब भूतपूर्व मंत्री बनकर रह गए हैं। शनिवार को इस एरिया में मुख्यमंत्री के दो प्रोग्राम थे अत: इस रास्ते के पांच साल से स्थाई रूप से बन्द पड़े गेट खोल दिए गए। इसके चलते शनिवार को सारा दिन आम जनता ने इस रास्ते का प्रयोग कर खूब सुकून महसूस किया। अब देखना बड़ा दिलचस्प रहेगा कि यह सुकून क्षणिक रहेगा या स्थाई। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले पर आज भी कोई अफसर इस बारे में मुँह नहीं खोल रहा।

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