सांस रुकते ही धडक़न चालू कर देगी मशीन

बिलासपुर ! जिला चिकित्सालय में टू-डी फे्रबीलेटर मशीन आई है। जिसके द्वारा हृदयगति रुक जाने पर बिजली के झटके देकर रोगी को मृत्यु से बचाया जा सकता है।;

Update: 2017-02-10 21:54 GMT

जिला अस्पताल में आई ‘टू-डी फ्रेबीलेटर’
हृदय रोगियों को मिलेगी तत्काल राहत

बिलासपुर !  जिला चिकित्सालय में टू-डी फे्रबीलेटर मशीन आई है। जिसके द्वारा हृदयगति रुक जाने पर बिजली के झटके देकर रोगी को मृत्यु से बचाया जा सकता है। जिला अस्पताल में 2डी फ्रेबीकेटर मशीन मंगाई गई है। इस मशीन से जिन मरीजों के दिल की धडक़नें रुक जाती है उन्हें मशीन से तत्काल राहत पहुंचाई जा सकेगी।
जिला अस्पताल में रायपुर सीजीएमएससी से 2 डी फ्रेबीलेटर मशीन आई है, जिसमें एक मशीन को आपरेशन थियेटर व एक डायलिसिस कक्ष में रखा गया है जहां दिल की धडक़न रुक जाने पर इलेक्ट्रिक शॉक द्वारा डी फ्रेबीलेटर  मशीन के माध्यम से रुकती सांसे फिर से चल सकती है।
जिला अस्पताल प्रबंधन ने पिछले दिनों सीजीएमएससी को डी फ्रेबीलेटर मशीन के लिए प्रस्ताव भेजा था। इस मशीन का उपयोग जिन मरीजों की हृदय गति रुक जाती है उन्हें पुनर्जीवित करने में सहायक होगा। इस मशीन के माध्यम से मरीजों को बिजली के झटके दिये जाते हैं जिससे मरीजों के सांस फिर से चलने लगती है। जिला अस्पताल में इस मशीन के आने से यहां गंभीर मरीजों के आने से और अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीजों के दिल की धडक़नें रुक जाने से उन्हें तत्काल मशीन के द्वारा झटका दिया जाएगा। उन्हें फिर से एक नयी जिंदगी मिल सकेगी।
जिला अस्पताल में इस मशीन के होने से अब यहां भी आने वाले मरीजों को तत्काल उपचार की सुविधा मिल सकेगी। अभी तक मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ता था। जहां उन्हें ज्यादा फीस देनी पड़ती थी। अब यह सुविधा जिला अस्पताल में मिलने से यहां आने वाले लोगों को निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। ज्ञात हो कि जिला अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीज उपचार के लिए आते हैं। वहीं यहां ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों से किसान, मजदूर वर्ग के लोग भी भारी संख्या में आते हैं। इसके साथ ही जिला अस्पताल में इमरजेंसी केस भी रात के समय आते हैं। मशीन की सुविधा नहीं होने से उन्हें सिम्स रिफर कर दिया जाता था। अब डी फ्रेबीलेटर मशीन के होने से यहां आने वाले गंभीर मरीजों को रिफर नहीं करना पड़ेगा।
अभी तक नहीं मिली डिजिटल एक्सरे मशीन
जिला चिकित्सालय में डिजिटल एक्सरे मशीन नहीं है। अस्पताल की स्थापना के बाद से यहां डिजीटल मशीन अब तक नहीं आई है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पिछले वर्ष डिजीटल एक्सरे मशीन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजागया है। लेकिन प्रस्ताव लंबित है जिससे डिजीटल एक्सरे मशीन अभी तक जिला अस्पताल में नहीं आ सकी है। अस्पताल में डिजीटल एक्सरे मशीन की कमी बनी हुई है। इस मशीन के आ जाने से यहां आने वाले मरीजों की डिजीटल एक्सरे से सही जांच रिपोर्ट मिलेगी। वह उनकी जांच भी प्रभावित नहीं होगी और एक्सरे रिपोर्ट के लिए लोगों को निजी अस्पतालों की ओर जाना भी नहीं पड़ेगा। जिला अस्पताल में एक्सरे की पुरानी मशीन लगी हुई है जिसमें लोगों की रिपोर्ट सही नहीं आती है, जिससे उनकी जांच भी प्रभावित होती है और एक्सरे रिपोर्ट के लिए लोगों को बार-बार अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ता है। अस्पताल प्रबंधन को डिजीटल मशीन के आने का इंतजार है इसके आ जाने से लोगों को सुविधा मिल सकेगी।
सिटी स्केन मशीन का अभाव
जिला चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा सिटी स्केन मशीन का भी शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही अस्पताल में जल्द ही सिटी स्कैन की मशीन आ जाएगी। इस मशीन के आ जाने से जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की सिटी स्केन की सुविधा मिल सकेगी और मरीजों को कम खर्च पर सिटी स्केन की रिपोर्ट प्राप्त हो सकेगी। अस्पताल में सिटी स्केन की रिपोर्ट प्राप्त हो सकेगी। अस्पताल में सिटी स्केन की सुविधा नहीं होने से यहां आने वाले मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है जहां मोटी राशि वसूली की जाती है। निजी अस्पतालों में सिटी स्केन के लिए 4 से पांच हजार रूपये फीस ली जाती है। वहीं जिला अस्पताल में मशीन के आ जाने से 500 से 600 रूपये में ही मरीजों की जांच हो सकेगी। हाल ही में अस्पताल प्रबंधन ने प्रस्ताव में मशीन की मांग शासन से की है।
जान बचाने में सहायक
सीजीएमएससी से दो डी फ्रेबीलेटर मशीनें आई है। एक मशीन को आपरेशन थियेटर व 1 को डायलिसिस कक्ष में रखा गया है। जिन मरीजों की हृदयगति रुक जाती है उन्हें इस मशीन के द्वारा इलेक्ट्रिक शाट्स देने से फिर से धडक़न चलने लगती है। सभी के साथ यह संभव नहीं है मगर कई लोगों की सांसे फिर से चलने में मशीन सहायक होती है।
डा. एस.एस.वाजपेयी
सिविल सर्जन
जिला चिकित्सालय
प्रस्ताव लंबित है
पिछले वर्ष डिजिटल एक्सरे मशीन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था जो कि लंबित पड़ा हुआ है। वहीं इस वर्ष सिटी स्केन मशीन के लिए भी प्रस्ताव अस्पताल प्रबंधन द्वारा भेज दिया गया है। इन मशीनों के आने से जल्द ही इसकी सुविधा लोगों को मिल सकेगी।
डा.मनोज जायसवाल
आर.एम.ओ.
जिला अस्पताल

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