मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए सरकार ने किया सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजने का प्रयोग : संजय राउत

शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने विदेशों में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भेजने पर बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार इस तरह का प्रयोग मुख्य मुद्दों से ध्‍यान हटाने के लिए करती रहती है। सबसे पहले हमें पड़ोसी देश में जाना चाहिए;

Update: 2025-05-21 14:31 GMT

मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने विदेशों में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भेजने पर बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार इस तरह का प्रयोग मुख्य मुद्दों से ध्‍यान हटाने के लिए करती रहती है। सबसे पहले हमें पड़ोसी देश में जाना चाहिए।

सांसद संजय राउत ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि चीन ने खुलकर पाकिस्‍तान का साथ दिया है। ऐसे में चीन जाकर पाकिस्‍तान को बेनकाब करना चाहिए। पड़ोसी देश आपको पूछता नहीं है। आप यूरोप, यूएस और अफ्रीकी देशों में जा रहे हैं, जिनका भारत और पाकिस्‍तान युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्‍होंने कहा कि यह डेलिगेशन छोटे छोटे देशों में भेजे जा रहे हैं। इससे हमारी विदेश नीति से क्‍या संबंध है, खासकर भारत और पाकिस्‍तान के संदर्भ में। पड़ोसी देश के साथ आपके रिश्‍ते अच्‍छे नहीं हैं, इसलिए आप वहां नहीं जाना चाहते हैं।

संजय राउत ने कहा कि केंद्र सरकार यह कैसे तय कर सकती है कि किस पार्टी से कौन सा सांसद प्रतिनिधिमंडल में जाएगा। आपने आनन-फानन में नाम तय कर लिया है। ममता बनर्जी की टीएमसी से आपने यूसुफ पठान का नाम तय कर दिया, ममता ने साफ मना कर दिया कि यह नहीं चलेगा। उन्‍होंने अभिषेक बनर्जी का नाम दिया। अभिषेक इन मामलों में अधिक अनुभवी हैं।

पार्टी के फैसले से खुश रहने के सवाल पर संजय राउत ने कहा कि मैं पार्टी का फैसला हमेशा से मानता रहा हूं, लेकिन इस डेलिगेशन वाले मसले से कुछ हासिल होने वाला नहीं है।

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्‍तान को बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने दुनिया के प्रमुख देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है। इसको लेकर हालांकि राजनीति शुरू हो चुकी है। खासकर विभिन्न पार्टियों के सांसदों के नाम को लेकर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है।

 

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