गुरु पूर्णिमा के दिन लगेगा साल,का प्रथम व अंतिम चन्द्र ग्रहण
16 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा और उत्तराषाढा नक्षत्र में चंद्रग्रहण दिखाई देगा। वर्ष 2019 में भारत में दो ही ग्रहण दृश्य;
खरोर।16 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा और उत्तराषाढा नक्षत्र में चंद्रग्रहण दिखाई देगा। वर्ष 2019 में भारत में दो ही ग्रहण दृश्य है।
यह पहला और अंतिम चंद्रण है जो भारत लगभग तीन घंटे रहेगा। भारत सहित अमेरिका, ऑॅस्ट्रेलिया, यूरोप, रूस के दक्षिणी भाग, न्यूजीलैंड एवं अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। भारतवर्ष में गुरु पूर्णिमा आस्था और उत्साह पूर्वक मनाई जाती है।
इस ग्रहण का प्रभाव चार राशियों पर शुभ एवं अन्य राशि के जातकों पर मिश्रित व अशुभ होगा। आश्रमों में गुरु के पादूका पूजन और दर्शन कर लोग पुण्य अर्जित करेंगे।
सामान्य तौर पर गुरु पूर्णिमा की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भंडारे आयोजित किए जाते हैं जबकि, इस बार शाम को ही मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे।
शाम 4.31 बजे सूतक लग जाएंगे। ग्रहण के सूतक काल से मोक्ष होने तक कुछ खाद्य सामग्री ग्रहण और शयन नहीं करना चाहिए।
बालक, वृद्ध और बीमार लोगों के लिए सूतक काल में एक प्रहर की छूट होती है। ऐसे लोगों को रात 10.30 के ग्रहण के नियम का पालन करना चाहिए।
बालाजी दरबार के पुजारी ज्योतिर्विद धनंजय शर्मा के अनुसार, इस बार गुरू पूर्णिमा के पूजन चंद्रगहण का साया है। 16 जुलाई को गुरू पूर्णिमा मनाई जाएगी जबकि, इसी दिन चंद्रग्रहण भी लगेगा।
सुबह मंदिरों, आश्रमों, शिक्षा एवं कला के संस्थानों में गुरु का दर्शन पूजन कर शिष्य आशीर्वाद प्राप्त करेंगे वहीं शाम 4.30 बजे चंद्रग्रहण का सूतक लग जाएगा। मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे और चंद्रग्रहण के दौरान लोग रात्रि जागरण और मंत्र जाप करेंगे।
ग्रहण की स्थिति स्पर्श- रात 1.31 बजे मध्य- रात 3 बजे मोक्ष- रात4.30 बजे सूतक- शाम 4.31 बजे लगेगा।राशियों पर प्रभाव शुभ-कर्क, तुला, कुम्भ, मीन मिश्रित-मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक अशुभ-वृष, कन्या, धनु, मकर पर रहेंगे।