राष्ट्र को बनाने में अधिवक्तावों का जो योगदान है वो हमारी थाती : सुमित्रा महाजन
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि राष्ट्र को बनाने में अधिवक्तावों का जो योगदान है वो हमारी थाती है। अधिवक्ता सामान्य जनों का प्रवक्ता भी है;
लखनऊ। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि राष्ट्र को बनाने में अधिवक्तावों का जो योगदान है वो हमारी थाती है। अधिवक्ता सामान्य जनों का प्रवक्ता भी है। उसे सोचना चाहिए न्याय देर से मिलने में सहभागी तो नहीं है। अपने अपने क्षेत्र के सांसद विधयाक इस बात पर चर्चा करें कि कानून में क्या खामियां रह गयी हैं। उसे दुरूस्त करने के क्या उपाय हो सकते हैं। अधिवक्ता न्याय के मन्दिर में उच्च कोटि के पुजारी का काम करते हैं। सुमित्रा महाजन बुधवार को राजधानी स्थित एमिटी विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के 15 वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहीं थी।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि न्याय प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए सभी को योगदान देना होगा। न्याय जल्दी मिले और सही मिले इसके लिए परिषद को भी अपना दायित्व निभाना होगा। एक बेहतर वकील ही बेहतर न्यायमूर्ति बन सकता है, ये भी देखना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली को मजबूत करने में सिर्फ अधिवक्ता ही नहीं पुलिस और डॉक्टर भी शामिल हों। प्रजातंत्र में तीनों स्तम्भ बहुत जरूरी है।
महाजन ने कहा कि वकीलों की नई पीढ़ी कॉर्पोरेट एडवोकेट बनना चाहता है, ऐसा है तो फिर सामान्य व्यक्ति को कौन इंसाफ दिलाएगा। अधिवक्ता परिषद को यही काम करना है। वकील के लिए न्याय दिलाना उसका कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म भी होता है, राष्ट्र की न्याय व्यवस्था सुचारू रूप से चले ये अधिवक्ताओं का दायित्व भी होता है, आजादी की जंग में अधिवक्ताओं का योगदान कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। अच्छा अधिवक्ता वही है जो तारीख को आगे बढ़ने पर यकीन न करता हो। कानून बनते वक़्त सही कानून बने ये भी देखना होगा।
महाजन ने कहा कि सांसद हो या विधायक, सभी को कानून की बारीकियों का ज्ञान होना चाहिए, उसके लिए जरूरी हो तो विशेषज्ञों की मदद भी ली जानी चाहिए। अगर चर्चा हो रही हो तो सांसद हो या विधायक, हिस्सा लेना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो फिर कानून बनाते वक़्त अगर कोई कमी रह भी जाती है तो उसमें सुधार हो सकता है।