सर्वोच्च न्यायालय का बड़ा सवाल, रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने से क्यों भाग रही केंद्र सरकार!

यूपीए सरकार की सेतु समुद्रम योजना का विरोध कर रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की पुरजोर मांग करने वाली भाजपा केंद्र की सत्ता में आने के बाद इस मामले से भागती नजर आ रही है;

Update: 2022-11-10 19:26 GMT
  • विंध्यवासिनी त्रिपाठी

नई दिल्ली। यूपीए सरकार की सेतु समुद्रम योजना का विरोध कर रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की पुरजोर मांग करने वाली भाजपा केंद्र की सत्ता में आने के बाद इस मामले से भागती नजर आ रही है। हालांकि भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने इसको लेकर एक याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल कर रखा है।इस पर गुरुवार को सुनवाई हुई जिस पर न्यायालय ने पूछा कि सरकार अब इस मामले से पीछे क्यों भाग रही है।

हालांकि केंद्र सरकार के वकील के आग्रह पर शीर्ष अदालत ने जवाब देने के लिए 4 चार सप्ताह की मोहलत दे दी। लेकिन लगे हाथ सरकार की खिचाई करते हुए कहाकि वह अब इस मसले भाग क्यों रही है।

स्वामी की विचाराधीन याचिका पर मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ सहित न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने सुनवाई की। स्वामी ने खुद मामले में पैरवी करते हुए अदालत से कहाकि यह छोटा सा मामला है, जिस पर केंद्र को सिर्फ हां या ना कहना था। इस पर केंद्र की पैरवी कर रहे वकील ने कहाकि हलफनामा तैयार है।

लेकिन इसे दाखिल करने के लिए मंत्रालय के निर्देश की प्रतीक्षा है। बतादें कि कांगेसनीत यूपीए सरकार के दौरान 2007 में सेतु समुद्रम योजना शुरू की गई थी। इसके लिए रामसेतु को तोड़े जाने की बात कही गई थी। इसका तब भाजपा सहित कई हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया था।

अदालत की दखल के बाद सरकार पीछे हट गई थी। तभी से रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की स्वामी की याचिका विचाराधीन है।

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