'सीमित नहीं होता कलाकारों का कार्यकाल'

'बुलेया' से मशहूर हुए गायक अमित मिश्रा का कहना है कि संगीत पूरे जीवनकाल का उत्सव होता है, ऐसे में वह नहीं मानते कि कलाकार का कार्यकाल सीमित होता है;

Update: 2017-06-11 22:02 GMT

मुंबई। 'बुलेया' से मशहूर हुए गायक अमित मिश्रा का कहना है कि संगीत पूरे जीवनकाल का उत्सव होता है, ऐसे में वह नहीं मानते कि कलाकार का कार्यकाल सीमित होता है। एक कलाकार के कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने एक बयान में कहा, "कई कलाकारों ने साबित किया है कि एक कलाकार के लिए शेल्फ लाइफ जैसी कोई चीज नहीं होती। अगर मैं उसी धर्य, उत्साह और अनुशासन के साथ काम करता रहूं तो मुझे पूरा भरोसा है कि मैं जिंदगी के अंत तक काम कर पाऊंगा।"

उन्होंने कहा, "उदाहरण के तौर पर सुरेश वाडकर को ही लीजिए। हम अब भी उनका संगीत सुनते हैं और हम अब भी उनके कंसर्ट में जाते हैं। हिंदी हो या अंग्रेजी संगीत, दोनों में यही स्थिति है, जिनमें हम हमसे काफी पहले से गा रहे कलाकारों के संगीत को सुनते हैं और उसकी सराहना करते हैं। मेरा मानना है कि कलाकारों की कोई शेल्फ लाइफ नहीं होती।"

हंगामा कार्यालय में शुक्रवार को एक मुलाकात सत्र में मिश्रा ने फिल्म 'ट्यूबलाइट' का अपना गीत 'रेडियो' भी गाया।

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