तेदेपा ने राजग से नाता तोड़ा
आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ तेलुगू देसम पार्टी शुक्रवार को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार है;
नई दिल्ली/अमरावती। आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) शुक्रवार को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार है। तेदेपा ने केंद्र सरकार द्वारा आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने की वजह से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का भी फैसला किया है। तेदेपा के राज्यसभा सांसद वाई.एस. चौधरी ने बताया, हां, हमारी पार्टी (तेदेपा) राजग से अलग हो गई है। आंध्र के मुख्यमंत्री व तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को पोलितब्यूरोके सदस्यों, वरिष्ठ नेताओं और सांसदों के साथ टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान यह फैसला लिया। इस फैसले के तुरंत बाद तेदेपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए अध्यक्ष को नोटिस सौंप दिया। लोकसभा में तेदेपा के 16 सांसद हैं। पार्टी के सांसद थोटा नरसिम्हन ने संवाददाताओं को बताया कि वे अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए जरूरी 54 सांसदों के हस्ताक्षर जुटा रहे हैं।
केेंद्रीय मंत्रिमंडल से पहले ही हट चुकी है तेदेपा
इससे पहले आठ मार्च को तेदेपा के दो मंत्रियों अशोक गजपति राजू और वाई.एस. चौधरी ने नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। राजू नागरिक उड्डयन मंत्री और चौधरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री के पद पर काबिज थे। राजग सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद तेदेपा इस गठबंधन से अलग होने वाली पहली पार्टी है। नायडू ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर उन स्थितियों से अवगत कराने का फैसला किया, जिसकी वजह से तेदेपा को राजग से अलग होना पड़ा।
अविश्वास प्रस्ताव के लिए अन्य दलों से समर्थन मांगेंगे : नायडू
तेदेपा अध्यक्ष ने पोलितब्यूरो सदस्यों को बताया कि वह राजग के अन्य घटक दलों को भी पत्र लिखकर स्पष्ट करेंगे कि चार साल पहले वह मोर्चे में शामिल क्यों हुए थे और किस वजह से उन्हें इससे अलग होना पड़ा। नायडू ने शुक्रवार को टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि पार्टी को प्रतिद्वंदी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस द्वारा अविश्वास मत प्रस्ताव पेश करने को समर्थन देने के बजाए अपने बलबूते सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करना चाहिए। तेदेपा प्रमुख ने कहा कि यदि तेदेपा ऐसी किसी पार्टी द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करती है, जिसके नेता पर गंभीर आरोप है, तो इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा। नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव के लिए अन्य दलों से समर्थन मांगेगी।
टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान नायडू भाजपा पर जमकर बरसे। उन्होंने भाजपा पर वाईएसआर कांग्रेस के नेता वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी और जन सेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण की मदद से तेदेपा को कमजोर करने का आरोप लगाया। तेदेपा केंद्र सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश के को किए गए वादों को पूरा नहीं करने की वजह से पिछले कुछ सप्ताह से भाजपा से नाखुश थी। पार्टी ने राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने की भी मांग की थी, जिसे केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया।
अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर सकती है अन्नाद्रमुक
तेदेपा के ऐलान के बाद तमिननाडु में अन्नाद्रमुक ने अविश्वास प्रस्ताव का पक्ष लेने या नहीं लेने के मामले में कुछ शर्तें निर्धारित की हैं। एमडीएमके नेता वाइको ने अन्नाद्रमुक से कहा है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पर उसके समर्थन की जरूरत है तो वह मौके का फायदा उठाए और भाजपानीत केेंद्र सरकार पर कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) गठित करने के लिए दबाव डाले।