राजद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में साथ आए तेदेपा: जगन मोहन रेड्डी

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के केंद्र सरकार से अलग होने के फैसले के बाद आज कहा कि अब तेदेपा को भी केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व;

Update: 2018-03-08 16:02 GMT

संतारवुरु। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के केंद्र सरकार से अलग होने के फैसले के बाद आज कहा कि अब तेदेपा को भी केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजद) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में उनकी पार्टी के साथ आना चाहिए।

रेड्डी ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि हम बहुत पहले से कह रहे थे कि केंद्र सरकार आंध्रप्रदेश को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा देने के मुद्दे को महत्व नहीं दे रही है, लेकिन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू इस दौरान भाजपा का समर्थन करते रहे।

Whosoever is ready to give 'special category status' to Andhra Pradesh, It will have YSRCP's support. All the options are open from our party. For us Andhra Pradesh comes first & is above all the other issues: YS Jaganmohan Reddy pic.twitter.com/TVQlyAtkvE

— ANI (@ANI) March 8, 2018


 

नायडू भाजपा का ही राग अलापते हुए यह कहते रहे कि विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा कोई ‘चमत्कारी औषधि’ नहीं है। अब राज्य में चुनाव आने वाले हैं तो उनको अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला लिया। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कोई नयी बात नहीं कही। यही बात वह पहले से कहते आ रहे हैं जिसके लिए श्री नायडू ने उनको बधाई भी दी थी।

जगन ने कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाया जाए। हम 21 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार है और तेदेपा काे हमारा समर्थन करना चाहिए। यदि तेदेपा अविश्वास प्रस्ताव लाती है, तो हम उसका समर्थन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन लक्ष्य हासिल करने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि यदि छह अप्रैल को केंद्र सरकार विशेष श्रेणी के राज्य के दर्जे के बारे में अपने निर्णय की समीक्षा नहीं करती, यदि तेदेपा के सांसद हमारे साथ आ मिलते हैं और राज्य के सभी 25 सांसद सामूहिक रूप से इस्तीफा देते हैं, तो इससे कड़ा संदेश जाएगा और इससे राष्ट्रीय स्तर पर इस मामले पर बहस की संभावना बनेगी तथा इस विषय पर घटनाक्रमों के तेजी से आगे बढ़ने के आसार बनेंगे।
 

Tags:    

Similar News