तमिलनाड़ु में धार्मिक रीति-रिवाज के साथ मनाया जा रहा है तमिल नव वर्ष

तमिलनाड़ु में धार्मिक रीति-रिवाज के साथ बुधवार को तमिल नव वर्ष या 'पिलावा' का पालन किया जा रहा है;

Update: 2021-04-14 12:39 GMT

चेन्नई।  तमिलनाड़ु में धार्मिक रीति-रिवाज के साथ बुधवार को तमिल नव वर्ष या 'पिलावा' का पालन किया जा रहा है। इस खास मौके पर लोग एक-दूसरे को 'पुथांडु वजथुक्कल' कहकर नए साल की शुभकामनाएं दे रहे हैं।

तमिल नव वर्ष तमिल महीने 'चिथिरई' के पहले दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर 13 या 14 अप्रैल को पड़ता है।

इस दिन घर के मुख्य दरवाजे को 'कोल्लम' (रंगोली) से सजाया जाता है और चौखट को आम के पत्ते से सुशोभित किया जाता है।

लोग इस मौके पर मंदिरों में भी जाते हैं।

नए साल के जश्न में इस दिन घर पर 'वड़ा', 'पायसम' (खीर), सेवई जैसे और भी कई लजीज व्यंजन बनते हैं। लोग एक-दूसरे को दावत पर आने का निमंत्रण देते हैं।

हालांकि, 'आम की पचड़ी' इस दिन का एक खास पकवान है, जिसे नीम के फूल, गुड़, आम, हरी मिर्च, नमक और इमली के रस के साथ मिलाकर बनाया जाता है। आम की पचड़ी में पड़ने वाली ये छह चीजें इंसानों के छह मुख्य भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है।

श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर और अन्य देशों में रहने वाले तमिल भी इस दिन नया साल मनाते हैं।

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