भारत के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा तालिबान
तालिबान अपनी सरकार बनाने में जुटा हुआ है..इसी बीच दूसरे देशों से संबंध को लेकर तालिबान नरमी दिखा रहा है ..लेकिन भारत को लेकर तालिबान ने एक बड़ी बात कही है ..जिसने पाक के सपने चकनाचूर कर दिए हैं... दावा किया जा रहा है कि तालिबान ने पाक के नापाक इरादे कमजोर कर दिए हैं..और पाक को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है ..;
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से बार बार यही कहा जा रहा था कि तालिबान के आने से पाकिस्तान को ताकत मिल गई है और तालिबान के साथ मिलकर पाकिस्तान भारत के खिलाफ कोई बड़ी चाल चल सकता है ,,, लेकिन अब तालिबान ने खुद साफ कर दिया है कि उसका इससे कोई लेना देना नहीं है.. बल्कि वह पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते अच्छे बनाना चाहता है...उसकी भारत के साथ कोई दुश्मनी नहीं है. तालिबान के वरिष्ठ नेता अनस हक्कानी ने कहा कि हम पाकिस्तान और भारत के किसी भी मसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.. कश्मीर का मामला भी दोनों देशों का द्विपक्षीय मामला है .. कश्मीर हमारे अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है और हस्तक्षेप नीति के खिलाफ है...हम अपनी नीति के खिलाफ नहीं जाएंगे.. इसलिए यह स्पष्ट है कि हम कश्मीर में हस्तक्षेप नहीं करेंगे... जैश और लश्कर को कश्मीर मसले पर समर्थन देने पर हक्कानी ने कहा कि हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते चाहते हैं औऱ ये नहीं चाहते कि कोई उनके बारे में गलत सोचे .भारत ने 20 सालों तक दुश्मन की मदद की लेकिन हम सब कुछ भूलकर संबंध बनाएंगे... तालिबान की तरफ से आए इस बयान के बाद साफ हो गया है कि इस बार भी पाकिस्तान अकेला रह गया है..इससे पहले भी पाकिस्तान की उम्मीदों पर तालिबान पानी फेर चुका है जब पाकिस्तान ने उम्मीद की थी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान मतलब की टीटीपी की समस्या सुलझाने में तालिबान उसकी मदद करे लेकिन पाक की मदद से अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने वाले तालिबान ने इसे लेकर पाक को ही आंख दिखाना शुरू कर दिया है ...और दो टूक कह दिया कि ये पाकिस्तान की समस्या है...उसे ही खुद सुलझाना होगा। ये अफगानिस्तान की समस्या नहीं है