शपथ लेना आसान है, लेकिन निभाना कठिन
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की मौजूदगी में यहां सोमवार को डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में 896 विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की मौजूदगी में यहां सोमवार को डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में 896 विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं। राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि शपथ लेना तो आसान है, लेकिन उसे निभाना कठिन है। वे यह कठिन कार्य करने का प्रयास करें।
दीक्षांत समारोह में 507 छात्राओं यानी 56.58 प्रतिशत छात्राओं एवं 389 छात्रों यानी 43.42 प्रतिशत छात्रों को उपाधियां दी गईं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 116 मेधावी छात्रों को पदक दिए गए, जिनमें 72 यानी 62.07 प्रतिशत पदक छात्राओं ने और 44 यानी 37.93 प्रतिशत पदक छात्रों ने अर्जित किए।
राज्यपाल ने बताया कि वर्ष 2017-18 में अब तक डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में 85 प्रतिशत, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर में 82 प्रतिशत, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में 81 प्रतिशत तथा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में 81 प्रतिशत छात्राओं ने पदक अर्जित किए हैं।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष हुए दीक्षांत समारोह में 51 प्रतिशत उपाधियां छात्राओं को प्राप्त हुई थी, जबकि इस वर्ष 5 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ यह आकड़ा 56 प्रतिशत तक पहुंच गया है। एक वर्ष में छात्राओं की संख्या में 5 प्रतिशत की वृद्धि ऐतिहासिक है।
दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अपर मुख्य सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग महेश कुमार गुप्ता, कार्यकारी कुलपति प्रवीर कुमार, कार्य परिषद, विद्या परिषद एवं सामान्य परिषद के सदस्यगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।
उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए नाईक ने कहा कि अपने मन, वचन एवं कर्म से जीवन र्पयत अपने को इस उपाधि के अनुरूप सिद्ध करते रहें। विद्यार्थी अपने माता-पिता एवं गुरुजनों का सदैव सम्मान करें, जिन्होंने आपको आकाश में उड़ने के लिए पंखों में ताकत दी है।
राज्यपाल ने कहा कि उपाधि प्राप्त करते समय जो शपथ धारण की गई है, उसको आजीवन याद रखें तथा उसको निभाने का प्रयास करें। शपथ लेना आसान है, पर शपथ को निभाना कठिन है। शार्टकट से सफलता नहीं मिलती। प्रमाणिकता और परिश्रम से ही आज के स्पर्धा के युग में सफलता मिल सकती है।