छात्र की योग्यता और शिक्षक की कार्यक्षमता पर शंका घातक : कुसुम दुबे
शहर जिला महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष अधिवक्ता कुसुम दुबे ने छत्तीसगढ़ में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के उत्तर पुस्तिकाओं की दुबारा जांच करने की कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह;
राजनांदगांव। शहर जिला महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष अधिवक्ता कुसुम दुबे ने छत्तीसगढ़ में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के उत्तर पुस्तिकाओं की दुबारा जांच करने की कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि एक तो छत्तीसगढ़ में शिक्षा का स्तर गिरा हुआ है।
इस दयनीय स्थिति में दिन रात मेहनत कर छात्र/छात्राएं यदि 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करते है तो वह उनकी योग्यता का परिचायक है ऐसी दशा में उनके प्राप्तांक अंको को देखकर उत्तर पुस्तिका की दुबारा जांच करना उनकी योग्यता पर शंका करने के सामान है जो योग्य छात्र/छात्राओं के साथ अन्याय कारक है वहीं दूसरी ओर शिक्षक समुदाय जो काफी लगनशीलता से उत्तर पुस्तिका की जांच करते है उनकी कार्यक्षमता पर चोट है।
उपाध्यक्ष कुसुम दुबे ने कहा कि शिक्षा और परीक्षा की जो दुर्गति छत्तीसगढ़ में है उसका एक मात्र कारण छत्तीसगढ़ सरकार की लचर शिक्षा नीति है यहां शिक्षा का मात्र व्यवसायीकरण होकर रह गया है।
शिक्षा के नाम पर जो गोरख धंधा चल रहा है उस पर सरकार अंकुश लगाने में विफल है ऐसी दशा में भी राज्य के विद्यार्थी यदि 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करते है तो वह उनकी योग्यता का प्रमाण है और इस योग्यता एवं लगन से उत्तर पुस्तिका जांचने के कार्य में लगे शिक्षक वर्ग की कार्यक्षमता पर शंका करना घातक है क्योकि यदि मानवीय त्रुटि होती है तो ऐसी स्थिति में शिक्षक पर ब्लेक लिस्टेट की तलवार लटक सकती है इस भय से शिक्षक वर्ग योग्य विद्यार्थी को अंक देने में कोताही बरतेगें।