सुषमा स्वराज ने चीन के दबाव में घुटने टेके: राहुल गांधी

 चीन-भूटान और भारत के ट्राइजंक्शन डोकलाम को लेकर एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगा हुआ है;

Update: 2018-08-02 13:13 GMT

नई दिल्ली।   चीन-भूटान और भारत के ट्राइजंक्शन डोकलाम को लेकर एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगा हुआ है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में भी पीएम मोदी और शी जिंगपिंग की मुलाकात को लेकर तंज कसा था और आज डोकलाम पर सुषमा स्वराज के दिए भाषण पर भी उनको घेरा है। 

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष मोदी सरकार की हर कमजोरी पर उसे घेरने की तैयारी में है इसीलिए उसने रफायल के साथ-साथ एक बार फिर डोकलाम का मुद्दा उठा लिया है।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही चीन सरकार ने डोकलाम में कथित रूप से 'भारतीय सेना के अतिक्रमण' से निपटने को साल 2017 की अपनी छह बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि'यों में गिनाया था। इसे लेकर ही बुधवार को लोकसभा में विपक्ष ने सुषमा स्वराज से सवाल किए। जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि सरकार की कूटनीतिक परिपक्वता से सुलझा गया है। जो विवाद है वह मुख्य रूप से भूटान और चीन के बीच है, जिसमें भारत का कोई रोल नहीं है। 

इतना ही विपक्ष पर हमला बोलते हुए सुषमा ने कहा था कि डोकलाम अब कोई मुद्दा नहीं है, ये विवाद पहले ही सुलझ चुका है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि बार-बार इस मुद्दे को क्यों उठाया जा रहा है।

सुषमा स्वराज के इसी बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हमला बोला उन्होंने ट्वीट किया कि ये चौंकाने वाला है कि सुषमा स्वराज जैसी महिला ने चीनी ताकत के सामने घुटने टेक दिए।  चीन के सामने इस तरह सरकार का घुटने टेकना बॉर्डर पर तैनात जवानों के साथ विश्वासघात है। 

 

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