राममंदिर पर शीघ्र निर्णय दे सर्वोच्च न्यायालय
उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय को राम मंदिर मुद्दे पर जल्द फैसला देने को कहा है;
लखनऊ/वाराणसी। उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय को राम मंदिर मुद्दे पर जल्द फैसला देने को कहा है। मंत्री को लगता है कि देश की शीर्ष अदालत उनका कहा जरूर मानेगी। योगी सरकार के मंत्री ने शुक्रवार को सुनवाई टलने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्णय न्यायालय को जल्दी करना चाहिए। वह आयुष्मान भारत की कार्यशाला में भाग लेने वाराणसी पहुंचे थे।
सिद्धार्थ नाथ ने कहा, "राहुल गांधी ने राफेल पर जो झूठ बोले हैं, अगर गंगा में आकर डुबकी लगाएंगे तो गंगा मां उन्हें माफ कर देंगी।" ईमानदार प्रधानमंत्री के प्रतीक लालबहादुर शास्त्री के नवासे को हालांकि मालूम है कि सच क्या है और झूठ क्या है, लेकिन पार्टी लाइन पर चलना उनकी राजनीतिक विवशता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का 1984 के दंगे में हाथ बताकर उन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "कमलनाथ इंदिरा गांधी के तीसरे पुत्र हैं। कमलनाथ की मानसिकता इमरजेंसी की है। आपातकाल की मानसिकता वाला यदि मुख्यमंत्री बनेगा तो वही काम करेगा, जिससे लोगों को नुकसान पहुंचे।"
सवाल यह है कि केंद्र में भाजपा की सरकार है, कार्रवाई की सारी एजेंसियां उसके पास है। 1984 के दंगे में अगर कमलनाथ का हाथ है तो उत्तर प्रदेश के मंत्री मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को जेल क्यों नहीं भिजवा देते?
उन्होंने कहा कि आज से सौ दिन पहले आयुष्मान योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री ने की थी। उन्होंने कहा कि सरकार की द्वारा प्रदेश में किए गए स्वास्थ्य संबंधी कार्यों की तरीफ केंद्र से आए हुए अधिकारी भी कर रहे हैं।