सुप्रीम कोर्ट ने लिविंग बिल पर लगाई मोहर

 उच्चतम न्यायालय ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में परोक्ष इच्छा-मृत्यु (पैसिव यूथेनेशिया) तथा जीवन संबंधी वसीयत (लिविंग बिल) को कानूनन वैध करार दिया। ;

Update: 2018-03-09 11:44 GMT

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में परोक्ष इच्छा-मृत्यु (पैसिव यूथेनेशिया) तथा जीवन संबंधी वसीयत (लिविंग बिल) को कानूनन वैध करार दिया। 

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज की याचिका का निपटारा करते हुए सम्मान के साथ मृत्यु के अधिकार को भी मौलिक अधिकार करार दिया।

न्यायमूर्ति ए के सिकरी, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति अशोक भूषण संविधान पीठ के अन्य सदस्य हैं। संविधान पीठ ने इस मामले में कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं।

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