इंदु मल्होत्रा के नियुक्ति वारंट पर रोक से उच्चतम न्यायालय का इन्कार
उच्चतम न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा की शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के वारंट पर रोक लगाने से आज इन्कार कर दिया;
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा की शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के वारंट पर रोक लगाने से आज इन्कार कर दिया।
न्याय विभाग ने सुश्री मल्होत्रा की नियुक्ति का वारंट आज जारी कर दिया। मल्होत्रा वकील से सीधे उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला होंगी। उनके कल शपथ लेने की संभावना है।
Supreme Court refused to stay the appointment of Indu Malhotra as a Supreme Court Judge, when senior advocate Indira Jaising pleaded for a stay, on the ground that Centre has stalled the appointment of Uttarakhand Chief Justice KM Joseph. pic.twitter.com/OQE2gjphvE
वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ के नाम को केंद्र सरकार द्वारा कॉलेजियम को वापस भेजे जाने के बाद न्यायालय से आग्रह किया कि वह मल्होत्रा के नियुक्ति वारंट पर रोक लगा दे, लेकिन शीर्ष अदालत ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सुश्री जयसिंह को कहा कि यदि इससे व्यथित हैं तो याचिका दायर कर सकती हैं, जिस पर अदालत आगे विचार करेगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘‘हम केवल न्यायपालिका की आजादी को लेकर चिंतित हैं।” उन्होंने दलील दी कि सरकार न्यायाधीशों का चयन भी अपनी मनमर्जी से कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने हालांकि स्पष्ट किया कि बार के सदस्य की नियुक्ति पर रोक लगाने के लिए वकीलों द्वारा याचिका दायर किया जाना अकल्पनीय, और सोच से परे है।
न्यायालय ने जयसिंह से पूछा कि कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के लिए 35 नामों की सिफारिश की, इनमें से यदि पांच नाम मंजूर नहीं हुए तो क्या मंजूर हुए 30 व्यक्तियों की नियुक्ति रोक दी जानी चाहिए?
गौरतलब है कि न्याय विभाग ने मल्होत्रा के नाम को हरी झंडी दे दी है, जबकि न्यायमूर्ति जोसेफ का नाम कॉलेजियम को फिर से विचारार्थ भेज दिया है। न्याय विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि न्यायमूर्ति जोसेफ की नियुक्ति की फाइल फिलहाल रुकी है। न्याय विभाग का मानना है कि न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम की सिफारिश पर कॉलेजियम ने वरिष्ठता और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को नजरअंदाज किया है। न्याय विभाग के अनुसार, न्यायमूर्ति जोसेफ उच्च न्यायालयों के 669 जजों की वरिष्ठता सूची में 42वें नंबर पर हैं।
गौरतलब है कि कॉलेजियम ने 22 जनवरी को न्यायमूर्ति जोसेफ और न्यायमूर्ति मल्होत्रा की नियुक्ति की सिफारिश की थी। फरवरी के पहले हफ्ते में दोबारा सिफारिश मिलने के बाद कानून मंत्रालय ने दोनों की नियुक्ति रोक दी थी, क्योंकि वह केवल मल्होत्रा के नाम को स्वीकृति देना चाहता था। अप्रैल के पहले हफ्ते में केंद्र सरकार ने मल्होत्रा की फाइल खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पास भेजी थी। वहां से हरी झंडी मिलने पर केंद्र ने उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दे दी।