सुप्रीम कोर्ट का जम्मू-कश्मीर में बच्चों को हिरासत में रखने के आरोपों की जांच का निर्देश

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति (जेजेसी) को बच्चों को हिरासत में रखे जाने के आरोपों की सत्यता का पता लगाकर एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है;

Update: 2019-09-21 01:42 GMT

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति (जेजेसी) को बच्चों को हिरासत में रखे जाने के आरोपों की सत्यता का पता लगाकर एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बाल अधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता एनाक्षी गांगुली की रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को कहा कि न्यायालय को बच्चों को हिरासत में रखे जाने को लेकर ‘परस्पर विरोधी रिपोर्ट’ मिली हैं। पीठ ने कहा, “हम इस समय इस मामले में कोई टिप्पणी करना उचित नहीं समझते लेकिन जो कहा जा रहा है, उसकी जांच किया जाना जरूरी है। चूंकि इस मामले में बच्चे शामिल हैं, हम इस पर सुनवाई करेंगे।”

एनाक्षी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी शिकायतों के समाधान के लिए उच्च न्यायालय तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। शीर्ष न्यायालय ने 16 सितंबर को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से एनाक्षी के बयान को लेकर रिपोर्ट मांगी थी।

न्यायालय ने कहा, “ हमने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की ओर से भेजी गयी रिपोर्ट का बहुत ध्यान से अध्ययन किया है। इस चरण में हम इस रिपोर्ट पर कोई भी टिप्पणी करना उचित नहीं समझते।”

पीठ ने कहा कि चूंकि यह मामला बच्चों के कथित हिरासत से जुड़ा है, हमनें जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति को आरोपों की सत्यता का पता लगाने तथा एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद होगी।

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