सुप्रीम कोर्ट ने देश में अफ्रीकी चीता लाने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश में सावधानीपूर्वक चुनी गई जगह पर अफ्रीकी चीता को बसाने की अनुमति दे दी।;

Update: 2020-01-28 18:44 GMT

नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश में सावधानीपूर्वक चुनी गई जगह पर अफ्रीकी चीता को बसाने की अनुमति दे दी। प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने पहले के आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि नामीबिया के चीता को मध्य प्रदेश के कुनो पार्क या देश के किसी अन्य हिस्से में सभी पहलुओं पर विस्तृत अध्ययन के बाद बसाया जा सकता है।

उन्होंने एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश में चीता के बसाए जाने पर विशेषज्ञ पैनल से हर चार महीने में एक प्रगति रिपोर्ट मांगी।

कोर्ट नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की एक याचिका की सुनवाई कर रहा है, जिसने कहा कि जानवर विलुप्त हो रहा है।

करीब सात साल की खींचतान के बाद पीठ ने इस पर फैसला लिया है। इस पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर.गवई व सूर्यकांत भी शामिल हैं। इन सात सालों के दौरान शीर्ष कोर्ट ने अफ्रीकी चीता को बसाने की अनुमति देने से इनकार किया और इसे विदेशी प्रजाति करार दिया।

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि परियोजना पर नेशनल टाइगर कजर्वेशन अथॉरिटी को विशेषज्ञ पैनल द्वारा मार्गदर्शन किया जाएगा। इस पैनल में वन्यजीव विशेषज्ञ एम.के.रंजीतसिंह, धनंजय मोहन और एमओईएफ के डीआईजी (वन्यजीव) शामिल होंगे।
 

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