सुकमा: शहीद के परिजनों ने शहीद के बलिदान की अनदेखी का आरोप लगाया   

छत्तीसगढ़ के सुकमा में 11 मार्च को गश्त के दौरान शहीद सुरेश कुमार के परिजनों ने हिमाचल सरकार और राजनेताआें पर शहीद के बलिदान की अनदेखी का आरोप लगाया है;

Update: 2017-06-08 12:14 GMT

धर्मशाला।  छत्तीसगढ़ के सुकमा में 11 मार्च को गश्त के दौरान शहीद सुरेश कुमार के परिजनों ने हिमाचल सरकार और राजनेताआें पर शहीद के बलिदान की अनदेखी का आरोप लगाया है। 

शहीद सुरेश कुमार के पिता मस्त राम (65) ने कल यूनीवार्ता को बताया कि उसका बेटा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 219 बटालियन जिसे ‘कोबरा बटालियन’ के नाम से भी जाना जाता है में सेवारत था। इस वर्ष छत्तीसगढ़ के सुकमा में 11 मार्च को गश्त के दौरान माओवादियों के हमले में वह शहीद हो गया था। 

शहीद के पिता ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उनके बेटे के शहीद होने पर 1.50 लाख रुपये की सहायता राशि दी गयी जबकि इसी वर्ष 24 अप्रैल को सुकमा में सीआरपीएफ की 74 बटालियन में सेवारत सुरेन्द्र कुमार और नागरी चाचियन के संजय कुमार के शहीद होने पर सरकार ने 20 लाख रुपये सहायता राशि के रूप में दिये। 
शहीद के 60 साल के पिता ने कहा कि राजनेताओं की ओर से भी बलिदान की अनदेखी की गयी और किसी भी नेता ने गांव में आकर उन्हें सांत्वना नहीं दी। 

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