नौजवान अपने भाग्य का ही नहीं बल्कि देश और समाज का भी भाग्य विधाता है: राष्ट्रपति कोविन्द
राष्ट्र गीत ‘ भारत भाग्य विधाता’ को परिभाषित करते हुये राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि नौजवान अपने भाग्य का ही नहीं बल्कि देश और समाज का भी भाग्य विधाता है;
अलीगढ। राष्ट्र गीत ‘ भारत भाग्य विधाता’ को परिभाषित करते हुये राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि नौजवान अपने भाग्य का ही नहीं बल्कि देश और समाज का भी भाग्य विधाता है।
आधुनिक भारत के साथ-साथ दक्षिण-एशिया और दुनियां के अन्य क्षेत्रों में अपने विद्यार्थियों के योगदान के लिए मशहूर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। यह यूनिवर्सिटी देश के विकास में अपनी खास भूमिका निभाती रही है — राष्ट्रपति कोविन्द
अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 65वें दीक्षान्त समारोंह में आज यहां श्री कोविंद ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने देश में ही नहीं अपुति विदेश में भी शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया है ।
#PresidentKovind addresses annual convocation of Aligarh Muslim University; says the university has played a special role in the development of the country; students of AMU have left their mark not only in India but across the world pic.twitter.com/m233piqVvH
इस अवसर पर उन्होंने अपने संस्मरण सुनाते हुये कहा कि जब वह सरकारी दौरे पर इथोपिया गये तो उस देश के प्रधानमंत्री की पत्नी श्रीमती रोमन ट्रेस फायर ने बताया कि वह अमुवि की छात्र रही है। यह सुन कर गौरव महसूस किया। राजा महेन्द्र्र प्रताप सिंह हो या खान अब्दुल गफ्फार खॅा अथवा रंगभेद की लडाई लडने वाले यूसुफ मोहम्मद दाई, ये सभी विभूतियां इस विश्व विद्यालय की देन है1
AMU देश के विकास में अपनी खास भूमिका निभाती रही है और सन 2020 में अपने सौ साल पूरे करने जा रही है। AMU के लिए आर्थिक सहायता देने वालों में बनारस के महाराजा भी शामिल थे। ऐसे महत्वपूर्ण संस्थानों को किसी समुदाय से जोड़कर देखने की आवश्यकता नहीं है — राष्ट्रपति कोविन्द
उन्होंने कहा कि डा जाकिर हुसैन इस विश्ववि़द्यालय के छात्र के साथ साथ कुलपति भी रहे और देश के राष्ट्रपति भी। आजादी की लडाई के दौरान इंसान की बेहतरी के लिये तालीम देने के लिए देश में बनारस हिन्दू विश्ववि़द्यालय, अलीगढ मुस्लिम विश्ववि़द्यालय तथा जाधव विश्व विद्यालय, जामिया मिलिया और दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी ।
AMU के विद्यार्थियों ने भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनियां में अपनी पहचान बनाई है। वे एशिया और अफ्रीका के विभिन्न देशों की सरकारों में प्रमुख पदों पर रहे हैं। इथियोपिया के दौरे पर वहां के प्रधानमंत्री की पत्नी ने बताया कि वे भी AMU की छात्रा रही हैं — राष्ट्रपति कोविन्द
भारत-रत्न से अलंकृत ख़ान अब्दुल गफ्फार ख़ान इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे। डॉक्टर युसुफ मोहम्मद दादू दक्षिण अफ्रीका की आज़ादी की लड़ाई में पहली कतार के सेनानियों में थे। डाक्टर ज़ाकिर हुसैन ने यहां शिक्षा प्राप्त की और यहां वाइस चान्सलर भी रहे — राष्ट्रपति कोविन्द