जज की भूमिका न निभाए मीडिया, केरल हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

अभिव्यक्ति की आज़ादी की आड़ में मीडिया को यह इजाज़त नहीं दी जा सकती कि वह किसी व्यक्ति को दोषी या निर्दोष घोषित करने लगे जबकि जांच पूरी नहीं हुई हो। आपराधिक मामले में मीडिया के हस्तक्षेप को लेकर केरल हाई कोर्ट की इस टिप्पणी को काफी अहम माना जा रहा है;

Update: 2024-11-08 15:18 GMT

केरल। अभिव्यक्ति की आज़ादी की आड़ में मीडिया को यह इजाज़त नहीं दी जा सकती कि वह किसी व्यक्ति को दोषी या निर्दोष घोषित करने लगे जबकि जांच पूरी नहीं हुई हो। आपराधिक मामले में मीडिया के हस्तक्षेप को लेकर केरल हाई कोर्ट की इस टिप्पणी को काफी अहम माना जा रहा है।

कोर्ट ने कहा कि मीडिया को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तो है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह नागरिकों के सम्मान, प्रतिष्ठा और निजता के अधिकार को नुकसान पहुंचा सकती है खासकर जब आपराधिक जांच या अदालतों में लंबित मामलों की रिपोर्टिंग की जाती है।

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी इसपर कहा था कि हालांकि हम मीडिया ट्रायल्स पर रोक नहीं लगा सकते लेकिन ये पूरी तरह से सही भी नहीं है।

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