भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत रह सकती है : क्रिसिल

भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत पर रह सकती है। इसके साथ ही मानसून सीजन भी सामान्य रह सकता है, जिसके कारण कमोडिटी की कीमतों में नरमी रहने की उम्मीद है;

Update: 2025-03-04 03:26 GMT

नई दिल्ली। भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत पर रह सकती है। इसके साथ ही मानसून सीजन भी सामान्य रह सकता है, जिसके कारण कमोडिटी की कीमतों में नरमी रहने की उम्मीद है।

क्रिसिल की रिपोर्ट में सोमवार को कहा गया कि निजी खपत में सुधार होने की उम्मीद है। हालांकि, निवेश वृद्धि निजी पूंजीगत व्यय पर निर्भर करेगी।

रिपोर्ट में कहा गया कि कृषि उत्पादन में सुधार और खाद्य महंगाई में कमी की उम्मीद के कारण निजी खपत में और सुधार की उम्मीद है। खाद्य महंगाई में नरमी से घरेलू बजट में विवेकाधीन खर्च के लिए जगह बनेगी।

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि केंद्रीय बजट 2025-26 में इनकम टैक्स में बढ़ाई गई छूट से खपत को बढ़ावा मिलेगा।

इसके अतिरिक्त, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मौद्रिक नीति में ढील देने से भी खपत को बढ़ावा मिलेगा।

क्रिसिल को उम्मीद है कि आरबीआई वित्त वर्ष 2025-26 में रेपो रेट में 50-75 आधार अंक की कटौती कर सकता है।

आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष की जीडीपी विकास दर 9.2 प्रतिशत से कम है। हालांकि, विकास दर वित्त वर्ष 2011 और 2020 के बीच महामारी से पहले के दशक के औसत 6.6 प्रतिशत के करीब बनी हुई है और इससे भारत को सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था का अपना टैग बरकरार रखने में मदद मिलेगी।

चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़कर 7.6 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जिससे चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत हो जाएगी। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गई है, जो दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत से अधिक है।

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