संभल में नवरात्रि से पहले प्रशासन अलर्ट, खुले में मीट बेचने वालों पर होगी कार्रवाई

नवरात्रि के पर्व से पहले संभल प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है। नवरात्रि के मद्देनजर नागरिकों ने संभल प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने खुले में मीट की बिक्री करने पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही साफ-सफाई की भी अपील की है;

Update: 2025-03-29 14:08 GMT

संभल। नवरात्रि के पर्व से पहले संभल प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है। नवरात्रि के मद्देनजर नागरिकों ने संभल प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने खुले में मीट की बिक्री करने पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही साफ-सफाई की भी अपील की है।

संभल की एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "संभल के कुछ लोगों ने एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन बिंदुओं का जिक्र है। पहला बिंदु यह है कि सड़कों और धार्मिक स्थानों पर साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा, दूसरा बिंदु है कि धार्मिक आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। तीसरे बिंदु के तहत धार्मिक स्थानों के आसपास खुले में बिक रहे मीट पर प्रतिबंध लगाने और उन पर कार्रवाई की मांग की गई है।"

वंदना मिश्रा ने बताया कि साफ-सफाई हर एक त्योहार पर होती है और इस बार भी यह सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही कानून व्यवस्था को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं और खुले में मीट बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

संभल में आगामी त्योहारों के कारण पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में है और पुलिस के जवान जिले में लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं।

एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने आईएएनएस को बताया था, "संभल पुलिस प्रतिदिन महत्वपूर्ण कस्बों के अंदर पेट्रोलिंग कर रही है। इसमें थाना और एसपी स्तर तक पुलिस अधिकारी शामिल हैं। आने वाले कई त्योहारों के कारण पुलिस पूरी तरह चौकन्नी है। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कस्बों के मुख्य चौराहों पर गश्त किया जा रहा है।"

उन्होंने बताया था, "जिन इलाकों में सीसीटीवी कैमरा है, उनकी पहचान की जा रही है। प‍िछले साल 24 नवंबर को हिंसा में सबसे पहले सीसीटीवी कैमरों को तोड़ा गया था। इस बात का ध्यान रखते हुए सीसीटीवी कैमरों का पता लगाया जा रहा है।"

उल्लेखनीय है कि संभल उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जिलों में से एक है। हाल ही में यहां पर कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी। इस दौरान पुलिस पर पत्थरबाजी की गई थी। इसी मामले में पूछताछ के लिए एडवोकेट जफर अली की गिरफ्तारी भी हुई, जिसके बाद कई वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया।

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