निकाय चुनावों को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को सौंपा पत्र
उत्तराखंड में राज्य सरकार ने निकाय चुनाव कराने के संबंध में उच्च न्यायालय को एक पत्र सौंपा है। जिसमें निकायों के आरक्षण एवं परिसीमन संबंधी रिपोर्ट को आयोग को सौंपने को कहा है ।;
नैनीताल। उत्तराखंड में राज्य सरकार ने निकाय चुनाव कराने के संबंध में उच्च न्यायालय को एक पत्र सौंपा है। जिसमें निकायों के आरक्षण एवं परिसीमन संबंधी रिपोर्ट को आयोग को सौंपने को कहा है और इसके बाद आयोग चुनावों के संबंध में अंतिम निर्णय ले सकेगा।
राज्य सरकार ने अपने पत्र में कहा है कि चुनाव आयोग एवं सरकार के बीच एक सहमति तैयार हुई है कि सरकार 27 मई तक निकायों के परिसीमन एवं आरक्षण के संबंध में पूरी स्थिति तय करके रिपोर्ट आयोग को सौंप देगी। इसके बाद 30 से 35 दिनों के अंदर चुनाव आयोग निकाय चुनाव कराने को लेकर अंतिम निर्णय ले सकेगा।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग की ओर से उच्च न्यायालय में एक मामला दायर कर कहा गया था कि प्रदेश में निकायों के चुनाव प्रस्तावित हैं और निकायों का कार्यकाल 3 मई को खत्म हो रहा है। सरकार चुनाव कराने के लिये गंभीर नहीं दिखायी दे रही है। सरकार ने चुनाव कराने को लेेकर आयोग को अपनी सहमति नहीं दी है। इसलिये निकायों के चुनाव कराने के लिये सरकार को निर्देश जारी करे।
मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में हुई। अदालत ने सरकार से जवाब मांगा था।
राज्य सरकार ने अदालत में आज अपना जवाब पेश कर दिया। इसके बाद निकाय चुनावों के मामले में सरकार एक कदम और आगे बढ़ गयी है। सरकार के जवाब से संतुष्ट होते हुए अदालत ने आयोग की याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया।
निकायों के परिसीमन के मामले में उच्च न्यायालय में चली लम्बी लड़ाई को सरकार ने जीत ली थी। प्रदेश के लगभग 18 प्रतिनिधियों ने परिसीमन के मामले को संवैधानिक आधार पर न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने संविधान के अनुच्छेद 243 क्यू के आधार पर सरकार के परिसीमन संबंधी कदम को निरस्त कर दिया था। इसके बाद सरकार ने विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने सरकार को राहत देते हुए एकलपीठ के आदेश को खारिज कर दिया था।