श्री श्री रविशंकर का देश में जैविक खेती अपनाने पर जोर

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने सोमवार को कहा कि थाली से 'जहर' दूर रखने के लिए भारत को जैविक खेती अपनाने की जरूरत है;

Update: 2021-02-09 00:23 GMT

बेंगलुरु। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने सोमवार को कहा कि थाली से 'जहर' दूर रखने के लिए भारत को जैविक खेती अपनाने की जरूरत है। बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च (आईआईएचआर) द्वारा आयोजित इस वार्षिक पांच दिवसीय नेशनल हॉर्टिकल्चर फेयर-2021 का उद्घाटन करते हुए रविशंकर ने कहा कि देश को सतत विकास के लिए धीरे-धीरे जैविक खेती अपनाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण हम विषाक्त भोजन का सेवन कर रहे हैं। जैविक खेती को प्रोत्साहित करके मौजूदा कृषि प्रणाली को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए स्वदेशी भोजन के सेवन पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए।

आईआईएचआर में पांच दिवसीय मेले का आयोजन आभासी तौर पर भी किया गया है। संस्थान ने 300 अच्छी उपज देने वाली बागवानी फसलों को प्रदर्शित किया है और रोग प्रतिरोधी वाले फलों, सब्जियों और फूलों की 254 किस्मों का भी प्रदर्शन किया है। इसके अलावा सब्जी और फल वेंडिंग वैन, तिपहिया वाहन और एक उच्च आद्र्रता भंडारण बॉक्स को भी यहां रखा गया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र ने यहां पांच दिवसीय मेले को संबोधित करते हुए कहा कि आईसीएआर ने 12 राज्यों में अपनाए जाने की दृष्टि से उपयुक्त 51 जैविक फसल प्रणाली विकसित की है।

उन्होंने कहा कि देश भर के विभिन्न संस्थानों द्वारा बागवानी में व्यापक शोध से पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण और एनीमिया का मुकाबला करने के लिए गुणवत्ता की दृष्टि से फलों और सब्जियों में व्यापक सुधार हुआ है।

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