​​​​​सुप्रीम कोर्ट का गर्भपात कानून के खिलाफ याचिका की त्वरित सुनवाई से इनकार

उच्चतम न्यायालय ने 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ को खत्म करने से रोकने वाले कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका की त्वरित सुनवाई से इनकार कर दिया;

Update: 2017-03-02 13:19 GMT

नयी दिल्ली।  उच्चतम न्यायालय ने 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ को खत्म करने से रोकने वाले कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका की त्वरित सुनवाई से आज यहां कहते हुए इनकार कर दिया कि उसके पास सुनवाई के लिए इससे भी महत्वपूर्ण कई राष्ट्रीय मुद्दे हैं।

आज की याचिका शीर्ष अदालत के गत सोमवार के उस आदेश के परिप्रेक्ष्य में दायर की गयी है, जिसमें उसने महाराष्ट्र की एक गर्भवती महिला को डाउन सिंड्रोम से ग्रसित 26 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की इजाजत नहीं दी थी।

मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह संबंधित याचिका की सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद ही कर सकेगी, तब तक या उक्त महिला बच्चे को जन्म दे चुकी होगी या देने ही वाली होगी।

न्यायमूर्ति केहर ने कहा, “राष्ट्रीय महत्व के अनेक मुद्दे हैं, जिनकी सुनवाई करनी है। ऐसी स्थिति में गर्भपात कानून के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई फिलहाल संभव नहीं है। इस मामले की सुनवाई ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के बाद हो सकती है।” शीर्ष अदालत ने गत सोमवार को उक्त महिला के गर्भ को समाप्त करने से इन्कार कर दिया था, क्योंकि मेडिकल बोर्ड ने कहा था कि डाउन सिंड्रोम से बच्चे की जान को कोई खतरा नहीं है। 
 

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