पीएफआई की कारगुजारियों पर सपा, कांग्रेस ने दी मौन सहमति : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) प्रदर्शन पर हुई हिंसा पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का नाम लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस को घेरा है।;

Update: 2020-02-06 13:37 GMT

लखनऊ | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) प्रदर्शन पर हुई हिंसा पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का नाम लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस को घेरा है। भाजपा प्रवक्ता डॉ. चन्द्रमोहन ने इन पार्टियों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजनीतिक जमीन खो चुकी सपा और कांग्रेस के नेताओं ने पीएफआई की कारगुजारियों पर अपनी मौन सहमति दे रखी है।

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से डॉ. चन्द्रमोहन ने कहा, "सुरक्षा एजेंसियों की जांच में पूरे प्रदेश से डेढ़ सौ से अधिक पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। जरा-जरा सी बात पर बयानबाजी करने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस की उप्र प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा इस मसले पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं।

उन्होंने कहा, "इससे यह साबित होता है कि राजनीतिक जमीन खो चुके इन दोनों नेताओं ने पीएफआई की कारगुजारियों पर अपनी मौन सहमति दे रखी है। सपा और कांग्रेस के नेताओं का पीएफआई से संबंध जगजाहिर हो चुका है। ये दोनों पार्टियां हर उस शख्स के साथ खड़ी दिखाई देती हैं जो समाज और देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं।"

प्रदेश प्रवक्ता चन्द्रमोहन ने कहा, "केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार, देश को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। पीएफआई के सदस्यों की जिस तेजी से गिरफ्तारी कर उनके नेटवर्क को खंगाला जा रहा है उससे भाजपा सरकार की देश की सुरक्षा से जुड़ी मंशा साफ जाहिर हो जाती है। देश की सुरक्षा से खेलने वालों को भाजपा सरकार नेस्तनाबूत करके रहेगी। भाजपा सरकार देश को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जा रही है और इसमें अवरोध डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।"
 

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