कुछ लोग मानवाधिकार के नाम पर आतंकवादियों के लिए भी चिंतित रहते हैं: राजनाथ
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि विश्व समुदाय की खुशहाली की कामना भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा रहा है;
नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि विश्व समुदाय की खुशहाली की कामना भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा रहा है इसीलिए अवैध घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशियों और रोहिंग्या लोगों के साथ भारत में कभी अमानवीय व्यवहार नहीं किया गया लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि कुछ लोग मानवाधिकार के नाम पर आतंकवादियों के लिए भी चिंतित रहते हैं।
राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रजत जयंती पर यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग सीमा पार से अवैध घुसपैठ करके हमारे देश में दहशत फैलाते हैं, तबाही मचाते हैं और निर्दोष लोगों की जान लेते हैं, कुछ लोग उन आतंकवादियों के लिए भी मानवाधिकार के नाम पर चिंतित होते हैं, यह निश्चित रूप से चिंता की बात है।
गृह मंत्री ने कहा, “भारत को मानवाधिकार सिखाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारी सभ्यता मानवाधिकारों की पोषक है और हम उसका निर्वहन करते हैं। हमारी संस्कृति और सभ्यता में पूरी दुनिया की खुशहाली, निरोग रहने और सबकी समृद्धि की कामना की गयी है। समानता की बात भारतीय परंपरा का हिस्सा है और हमारे धर्म ग्रंथ इन उपदेशों से भरे हैं, इसलिए मानवाधिकार को हम सबसे बेहतर तरीके से समझते हैं।”
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इस परंपरा को और व्यापक रूप देते हुए सबको निरोग बनाने के वास्ते दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ शुरू की है। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत बड़ा मानवाधिकार है। यही नहीं सरकार ने मानवाधिकार के संरक्षण के लिए महिला अधिकारों पर विशेष ध्यान दिया है और इसके लिए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गयी है और यह प्रभावी तरीके से चल रही है।