आरक्षण मुद्दे को सड़कों पर उछालना हमदर्दी पाने का शॉर्टकट : सुशील

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “न्यायालय से जुड़े मु्द्दे को दिल्ली या पटना की सड़क पर उछालना कुछ लोगों के लिए वंचित वर्गों की हमदर्दी पाने का शाॅर्टकट हो सकता है;

Update: 2019-01-31 00:02 GMT

पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के विश्वविद्यालयों में दलितों और पिछड़ों का आरक्षण समाप्त किए जाने के आरोप और इसके विरोध में कल दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पैदल मार्च पर तंज कसते हुए आज कहा कि न्यायालय से जुड़े मु्द्दे को दिल्ली या पटना की सड़क पर उछालना कुछ लोगों के लिए वंचित वर्गों की हमदर्दी पाने का शाॅर्टकट हो सकता है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “न्यायालय से जुड़े मु्द्दे को दिल्ली या पटना की सड़क पर उछालना कुछ लोगों के लिए वंचित वर्गों की हमदर्दी पाने का शाॅर्टकट हो सकता है, लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं। न्यायपालिका पर भरोसा करने की कसमें खाने वालों को हंगामा करने के बजाय सरकार की मंशा पर भरोसा करना चाहिए।”

श्री मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालय के बजाय विभाग को ईकाई मानकर आरक्षण देने से दलितों-पिछड़ों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिलेगा इसलिए केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति (एसएलपी) याचिका दायर कर मजबूती के साथ वंचित वर्गों की दलील अदालत के सामने पेश की है। इसके बावजूद यदि फैसला अनुकूल नहीं आया है, तो सरकार चैन से नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ जरूरतमंद वर्गों तक पहुंचाने के लिए हर संभव कानूनी और प्रशासनिक उपाय खोजे जा रहे हैं। 

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