शिवराज सिंह बोले, गौर साहब ने सागर को ज्ञान का सागर बना दिया
डॉक्टर हरि सिंह गौर 20वीं शताब्दी के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मनीषियों में से थे। डॉ. गौर दिल्ली विश्वविद्यालय और नागपुर विश्वविद्यालय के उप कुलपति रहे। भारतीय संविधान सभा के उप सभापति, साइमन कमीशन के सदस्य तथा रायल सोसायटी फॉर लिटरेचर के फेलो भी रहे;
- गजेन्द्र इंगले
भोपाल: सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ हरि सिंह गौर की जयंती सागर जिले में मनाई गई। कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। इस बार यह जयंती सागर जिले के गौरव दिवस के रूप में मनाई गई। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के साथ ही मंत्री भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव और गोविंद राजपूत सहित सागर सांसद और विधायक मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दिवाली के पहले दिवाली मनाई गई है। ये सरकारी कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने कहा, गौर बब्बा अद्भुत शख्स थे। पहली यूनिवर्सिटी अगर बनी तो वो हरि सिंह के कारण बनी। गौर साहब ने सागर को ज्ञान का सागर बना दिया। हम उनका हमेशा कर्जदार रहेंगे। तीन बत्ती सागर की शान है। कई यादें आज यहाँ आने के बाद ताजा हो गई।
सीएम शिवराज ने कहा, सागर का नमकीन देश में धूम मचा रहा है। आचार्य रजनीश सागर की धरती पर पढ़े थे। मैं भी सागर यूनिवर्सिटी में कुछ दिन तक पढ़ा। लेकिन कुछ कारण से पढ़ाई छोड़कर जाना पड़ा।
डॉ. हरिसिंह गौर, सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक, शिक्षाशास्त्री, ख्याति प्राप्त विधिवेत्ता, न्यायविद्, समाज-सुधारक, साहित्यकार, महान दानी और देशभक्त थे। वे 20वीं शताब्दी के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मनीषियों में से थे। डॉ. गौर दिल्ली विश्वविद्यालय और नागपुर विश्वविद्यालय के उप कुलपति रहे। भारतीय संविधान सभा के उप सभापति, साइमन कमीशन के सदस्य तथा रायल सोसायटी फॉर लिटरेचर के फेलो भी रहे।
डॉ. गौर ने 18 जुलाई 1946 को सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। वे अपने जीवन के अंतिम समय तक विश्वविद्यालय के विकास और उसे सहेजने के प्रति संकल्पित रहे। उनका स्वप्न था कि सागर विश्वविद्यालय, केम्ब्रिज तथा ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालय की श्रेणी में शुमार हो।