शिवसेना का हाल कर्नाटक के कुमारस्वामी जैसा होगा : भाजपा नेता
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी उठापटक के बीच भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने यहां सोमवार को कहा कि शिवसेना ने जिस रास्ते को अख्तियार किया है;
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी उठापटक के बीच भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने यहां सोमवार को कहा कि शिवसेना ने जिस रास्ते को अख्तियार किया है, उसका भी हाल कर्नाटक के कुमारस्वामी जैसा हो जाएगा।
भाजपा नेता ने शिवसेना के साथ चुनाव पूर्व किए गए गठबंधन पर अफसोस जाहिर करते हुए आईएएनएस से कहा, "जब शिवसेना के साथ हमें यही दिन देखना था तो बेहतर होता कि पार्टी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ती। जीत-हार अपनी जगह, कम से कम हर सीट पर अपने नेताओं को तो चुनाव लड़ने का मौका मिलता।"
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भाजपा-शिवसेना ने गठबंधन के तहत लड़ा था। गठबंधन के तहत भाजपा को 164 सीटें मिली थी और शिवेसना को 124 सीटें मिली थीं। गठबंधन ने चुनाव में जीत दर्ज की, लेकिन दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद और सत्ता में भागीदारी के अनुपात को लेकर सोमवार को अलगाव हो गया। अब शिवसेना राकांपा और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने जा रही है।
भाजपा नेता ने शिवसेना के इस कदम पर कहा, "हम तो समझते थे कि हिंदुत्व की समान विचारधारा के कारण कभी शिवसेना गैर भाजपा दलों की तरफ मुंह उठाकर देखेगी भी नहीं। पार्टी को लगा था कि शिवसेना पहले की तरह चिर-परिचित नखरे दिखा रही है। मगर ये नखरे एक दिन धोखेबाजी में बदल जाएंगे, इसकी तो उम्मीद नहीं थी। 'इनका' हाल भी कर्नाटक के कुमारस्वामी की तरह होगा।"
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के 24 अक्टूबर को आए नतीजे में भाजपा को 105 सीटें मिलीं। जबकि शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राकांपा ने 54 सीटें जीती, और कांग्रेस की झोली में 44 सीटें आईं।
इसके पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना अलग-अलग चुनाव लड़ी थीं। भाजपा ने तब 122 सीटें जीती थी, और शिवसेना को 63 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस बार भाजपा की 17 सीटें कम हो गईं, और शिवसेना की भी सात सीटें घट गईं।
अब शिवसेना के गठबंधन तोड़ देने के बाद भाजपा को लगता है कि यदि वह अकेले ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ी होती तो शायद अधिक सीटों पर जीत दर्ज कराती।
बहरहाल, 56 विधायकों वाली शिवसेना राकांपा के 54 व कांग्रेस के 44 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने के लिए तैयार है। लेकिन अभी कांग्रेस उसे समर्थन देने का अंतिम निर्णय नहीं ले पाई है। आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार शाम राज्यपाल बी.एस. कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया और सरकार गठन के लिए लिए आवश्यक विधायकों का समर्थन पत्र पेश करने के लिए समय मांगा। लेकिन कोश्यारी ने समय देने से इंकार कर दिया है। गेंद अब राज्यपाल के पाले में है और देखना है कि वह क्या निर्णय लेते हैं। और अब कांग्रेस का क्या कदम होता है।