सदस्यता समाप्त करने के मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे शरद यादव

जनता दल (यू) के बागी नेता शरद यादव राज्यसभा से अपनी सदस्यता समाप्त किये जाने के सभापति एम वेंकैया नायडू के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे;

Update: 2017-12-07 16:57 GMT

नयी दिल्ली।  जनता दल (यू) के बागी नेता शरद यादव राज्यसभा से अपनी सदस्यता समाप्त किये जाने के सभापति एम वेंकैया नायडू के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे।

यादव ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्यसभा से उनकी सदस्यता समाप्त किये जाने की खबर दो दिन पहले रात दस बजकर बीस मिनट पर उन्हें मिली तो उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ बल्कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके साथ ऐसा ही होगा। अखबारों ने तो पहले ही यह आशंका व्यक्त भी की थी ,जब उनके आवास के गेट पर गार्ड को सदस्यता समाप्त किये जाने की यह सूचना दी गयी , तब वह गुजरात में थे। 

उन्होंने कहा कि उन्हें सदस्यता जाने का कोई गम नहीं है क्योंकि वह खुद तीन बार सदन की सदस्यता से त्यागपत्र दे चुके हैं लेकिन उनके मामले में संसद की प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। इस तरह के मामले संसद की आचार संहिता समिति और विशेषाधिकार समिति के सामने पेश किये जाते हैं। उन्होंने कहा, “ यहां तक कि मेरे वकील को भी बात कहने का अवसर नहीं दिया गया इसलिए मैं इस फैसले के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं था। ” 

उन्होंने कहा कि देश में 11 करोड़ मामले लंबित है और उनका तो जल्द निबटारा नहीं किया जाता लेकिन उनके मामले में सभापति ने तत्काल निबटारा कर दिया। विजय माल्या की सदस्यता का मामला तो संसद की आचार संहिता समिति के पास भेजा गया था लेकिन मेरे मामले में ऐसा नहीं किया गया।

यह पूछे जाने पर कि क्या  नायडू पर यह फैसला लेने के लिए जनता दल यू के अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी कोई दवाब काम कर रहा था , यादव ने कहा कि नायडू पर सब तरह का दवाब कम कर रहा होगा।

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