शबनम हाशमी ने लौटाया अपना पुरस्कार
अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमले से व्यथित शबनम हाशमी ने आज अपना पुरस्कार वापस कर दिया। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार सम्मान उन्हें 2008 में अल्पसंख्यक आयोग ने दिया था;
नई दिल्ली। अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमले से व्यथित शबनम हाशमी ने आज अपना पुरस्कार वापस कर दिया। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार सम्मान उन्हें 2008 में अल्पसंख्यक आयोग ने दिया था।
सम्मान लौटाने के लिए वे आज दोपहर अल्पसंख्यक आयोग के कार्यालय में गईं, वे आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात करना चाहती थीं, पर उनके उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। बाद में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने वह पत्र भी जारी किया, जो उन्होंने आयोग को दिया है। इस पत्र में देशभर में हो रही घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है, कि वर्तमान में देश में भय का माहौल है और वर्तमान सरकार इस देश हिंदु राष्ट्र बनाने की ओर अग्रसर है। पत्र में उन्होंने लिखा है, हिटलर की ही तर्ज पर चलते हुए मुसलमानों को देश और समाज के सबसे बड़े दुश्मन के तौर पर पेश किया जा रहा है, जिससे खासतौर पर पढे लिखे मध्यम वर्ग के दिमाग में अल्पसंख्यकों के लिए नफरत भर गई है।
यहां तक कि संघ परिवार के कई सदस्य खुले आम देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की घोषणा कर रहे हैं। गाय और दूसरे जानवर नफरत फैलाने के टूल के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, कि अल्पसंख्यक आयोग और वर्तमान सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करने में असफल रहा है। पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा, कि इस सम्मान से नवाजे गए तमाम समाजिक कार्यकर्ताओं से उनकी कोई बात नहीं हुई है, इसलिए वे नहीं कर सकतीं, कि कोई और भी यह कदम उठाएगा।
देश में गृह युद्ध के हालात के बारे में उनका कहना था, कि अगर कश्मीर और कुछ आतंकी घटनाओं को छोड़ दिया जाए, तो यह गनीमत है, कि अभी तक इस देश के अल्पसंख्यकों ने हथियार नहीं उठाया है, उनका कहना है, कि अल्पसंख्यक इतना समझदार है और उनकी कोशिश भी यही रहेगी, कि ऐसे हालात पैदा ना हों।