दशकों बाद कश्मीर में पड़ी भीषण ठंड, जनजीवन अस्त-व्यस्त
जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में चल रही बफीर्ली हवाओं और भीषण ठंड ने यहां के निवासियों को शुक्रवार सुबह घर के अंदर रहने को मजबूर कर दिया;
श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में चल रही बफीर्ली हवाओं और भीषण ठंड ने यहां के निवासियों को शुक्रवार सुबह घर के अंदर रहने को मजबूर कर दिया। घाटी के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले स्थानीय लोगों ने इस भीषण ठंड के दौरान अनियमित बिजली की आपूर्ति के अलावा पानी के पाइप फटने, सड़कों और गलियों के बेहद फिसलन भरे होने की शिकायत की।
जल स्त्रोतों पर बर्फ की सतहें जमी हुई हैं, वहीं स्थानीय लोग और पर्यटक श्रीनगर में डल झील की जमी हुई सतह पर घूमने का आनंद ले रहे हैं।
हालांकि जलस्त्रोतों पर जमी बर्फ पर घूमने वाले लोगों के लिए अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है और इससे उनके जीवन को खतरा बताया है।
श्रीनगर में जिला के अधिकारियों ने कहा, "जमे हुए पानी की परत पर चारों ओर घूमने वाले किसी भी व्यक्ति के वजन से उसमें दरार आ सकती है।"
स्थानीय रूप से 'चिल्लई कलां' के नाम से प्रचलित 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि 31 जनवरी को समाप्त होगी।