लघु वनोपजों की बिक्री समर्थन मूल्य पर ही करें: कलेक्टर
गरियाबंद जिले में लघु वनोपज संग्राहकों को केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन के अलावा राज्य शासन द्वारा प्रति किलो बोनस-प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जायेगा;
राजिम। गरियाबंद जिले में लघु वनोपज संग्राहकों को केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन के अलावा राज्य शासन द्वारा प्रति किलो बोनस-प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जायेगा, इससे जिले के संग्राहकों को लाभ मिलेगा। कलेक्टर श्याम धावड़े की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय एवं मूल्याकंन समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई।
कलेक्टर ने कहा कि लघुवनोपजों की बिक्री निर्धारित समर्थन मूल्य और राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली बोनस राशि के दर पर वनोपज समितियों में ही किया जाए। बैठक में जिला लघु वनोपज सहकारी समिति के अध्यक्ष भागीरथी मांझी एवं वन मण्डलाधिकारी राजेश पाण्डेय भी मौजूद थे।
सोमवार दोपहर जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर श्री धावड़े ने संग्राहकों से अपील किया है कि वे अपने वनोपज को निर्धारित समितियों में ही बेचें और वाजिब दाम पायें। उन्होंने किसी तरह बिचौलियों के बहकावे में नहीं आने का आग्रह भी किया। वन मण्डलाधिकारी एवं समिति के सदस्य सचिव राजेश पाण्डेय ने लघु वनोपज संग्रहण वर्ष 2018 में शासन द्वारा तय की गई न्यूनतम समर्थन मूल्य की दरों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सालबीज का न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं बोनस राशि सहित 13 रूपए प्रतिकिलो निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार हर्रा का 11 रूपए, इमली बीज का 25 रूपए, चिरौंजी का 105 रूपए, महुआ बीज का 22 रूपए और कुसमी लाख का 200 रूपए प्रतिकिलो है। इनका संग्रहण जिले की 70 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों में 76 संग्रहण केन्द्रों के माध्यम से किया जायेगा।
पाण्डेय ने बताया कि समितियों के प्रबंधकों को संग्रहण एवं पारिश्रमिक कार्ड, पंजी तथा साप्ताहिक संग्रहण पुस्तिका उपलब्ध करा दी गई है। खरीदी हेतु फड़ मुंशियों का चयन कर लिया गया है। कलेक्टर एवं समिति के अध्यक्ष श्याम धावड़े ने लघु वनोपजों का न्यूनतम मूल्य का प्रचार.प्रसार ग्राम पंचायत स्तर पर तथा 5 मई तक चलने वाले ग्राम स्वराज अभियान के दौरान आयोजित विशेष ग्राम सभाओं में करने के निर्देश दिये है।
बैठक में जिला लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष श्री भागीरथी मांझी ने कहा कि शासन की मंशा हमारे वनोपज संग्राहकों के जीवन स्तर में सुधार लाना है इसलिए राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य और बोनस राशि दिया जा रहा है। उन्होंने सभी संग्राहकों से आग्रह किया है कि वे अपने वनोपज निर्धारित दर पर लघु वनोपज समितियों को ही बेचे और किसी बिचौलियों के बहकावे में न आवें। बैठक में आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री कुर्रे एवं लघु वनोपज संघ के उपाध्यक्ष श्याम लाल सोरी सहित वन एवं संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद थे।