भारत की तकनीकी छलांग के लिए तीन से चार क्षेत्रों में नेतृत्व जरूरी : एस. सोमनाथ
इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ उत्तराखंड के देहरादून में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान, उन्होंने कहा कि भारत तकनीक के मामले में सबसे आगे होगा और 'सर्वश्रेष्ठ भारत' बनेगा;
एस सोमनाथ का संदेश: टेक्नोलॉजी में निवेश ही सर्वश्रेष्ठ भारत की राह
- स्पेस से एआई तक, भारत को चाहिए अपनी मौलिक कंपनियां
- तकनीकी नेतृत्व ही आर्थिक बदलाव और आत्मनिर्भरता की कुंजी
- हाई टेक डोमेन में भारतीय स्टार्टअप्स से भविष्य की उम्मीद
देहरादून। इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ उत्तराखंड के देहरादून में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान, उन्होंने कहा कि भारत तकनीक के मामले में सबसे आगे होगा और 'सर्वश्रेष्ठ भारत' बनेगा।
एस सोमनाथ ने कहा कि आर्थिक व्यवस्था में बदलाव जरूरी है। हमारी टेक्नोलॉजी का इसमें अधिक असर देखने को मिलेगा। अर्थव्यवस्था और टेक्नोलॉजी आपस में जुड़े हुए हैं। हमने स्पेस टेक्नोलॉजी में एक समय कुछ भी नहीं था। पिछले 50 सालों में हमने टेक्नोलॉजी को विकसित किया है। हमने उपग्रह बनाए, चांद पर लैंडिंग की। ये तो कुछ उदाहरण हैं, इन्हीं उदाहरणों को लेकर हमें कई अन्य क्षेत्रों में काम करना है।
उन्होंने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी, मेडिकल और ड्रग्स, एआई, इलेक्ट्रॉनिक चिप मैन्युफैक्चरिंग, एयरोस्पेस, मिसाइल, डिफेंस टेक्नोलॉजी, खेती, ड्रोन समेत कई क्षेत्रों में हमें काम करना है और इन क्षेत्रों में निवेश करना है। इसके साथ ही हमें अपना बिजनेस बढ़ाना है।
उन्होंने कहा कि इनमें से किसी तीन से चार टेक्नोलॉजी में हमें लीडरशिप हासिल करनी है। इसके लिए हमें कई मिशनों की जरूरत है। कुछ मिशनों का सरकार ने ऐलान किया है। इनके लिए सरकार ने कई करोड़ के निवेश का ऐलान किया हुआ है।
एस. सोमनाथ ने कहा कि कंप्यूटर चिप के डिजाइन में काम करने वाले अधिकतर वैज्ञानिक भारतीय हैं। हालांकि इन सभी टेक्नोलॉजी का आईपी विदेश में है, भारत में नहीं है। यही कारण है कि हमें इसका फायदा नहीं मिलता। फायदा मिलेगा भी कैसे? भारत को ओरिजिनल कंपनियों की जरूरत है। ऐसे में हमें इन क्षेत्रों में निवेश की जरूरत है और इस पर फोकस करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि हाई-टेक डोमेन में भी कई कंपनियां उतर रही हैं और स्टार्टअप कर रही हैं। यह हमारा मिशन है। इससे लोगों को प्रेरणा मिलती है। व्यवसाय एक पहलू है, लेकिन दूसरा पहलू यह है कि हमें टेक्नोलॉजी को बढ़ाना भी है।