साय व समीरा की हस्तक्षेप याचिका खारिज

हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल स्थगन याचिका के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय व समीरा पैकरा की हस्तक्षेप याचिका आज खारिज कर दी;

Update: 2017-09-21 16:30 GMT

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल स्थगन याचिका के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय व समीरा पैकरा की हस्तक्षेप याचिका आज खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि मामले कि शिकायत संतकुमार नेताम द्वारा 2001 में की गई थी, इसलिए राष्ट्रीय जनजाति आयोग व संतकुमार नेताम को ही पार्टी बनाया जाए। कल बुधवार को  भी मामले की सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी हाईपावर   कमेटी ने जांच के बाद अजीत जोगी को कंवर आदिवासी मानने से इंकार कर दिया था। इसी रिपोर्ट के आधार पर बिलासपुर कलेक्टर ने अजीत जोगी का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था। इसी को चुनौती देते हुए अजीत जोगी ने हाईकोर्ट में स्थगन याचिका पेश की है।

इसके पहले अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय के साथ समीरा पैकरा व संतकुमार नेताम ने केविएट दायर कर हाईकोर्ट से अनुरोध किया था कि अजीत जोगी की जाति के मामले में उनकी स्थगन याचिका पर कोई भी फैसला देने के पहले हमारा पक्ष भी सुना जाए। आज हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन व शरद गुप्ता की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि चुंकि संतकुमार नेताम मामले की शिकायत सन् 2001 में ही कर चुके है, इसलिए उन्हें व राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को ही पक्षकार बनाया जाए। 

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