सहारनपुर: CBI ने तेज की अवैध खनन की जांच

सियासी और नौकरशाही के मजबूत संरक्षण में पिछले 20 सालों से सहारनपुर में रेत, बालू और बजरी के हो रहे खनन पर इलाहाबाद उच्चन्यायालय के आदेश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच तेज कर दी है;

Update: 2017-06-14 14:38 GMT

सहारनपुर।  सियासी और नौकरशाही के मजबूत संरक्षण में पिछले 20 सालों से सहारनपुर में रेत, बालू और बजरी के हो रहे खनन पर इलाहाबाद उच्चन्यायालय के आदेश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच तेज कर दी है। 

सीबीआई की जांच से खनन माफियाओं और उन्हें संरक्षण देने वाले नौकरशाहों और सियासतदानों में हड़कंप मचा है। उम्मीद की जा रही है कि सीबीआई जांच में कई हजार करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है और खनन  माफियाओं की गर्दन नप सकती है। 

सीबीआई (नई दिल्ली) के एएसपी एन.के. पाठक की अगुवाई में एक दल ने बारह जून से सहारनपुर में डेरा डाल रखा है। सीबीआई की यह टीम सहारनपुर में 12 दिन रहेगी और जांच रिपोर्ट तैयार कर हाईकोर्ट को सौंपने का काम करेगी। 

सहारनपुर में खनन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश से 17 फरवरी 2016 से जिले में खनन पर  रोक लगी हुई है। इसके बावजूद जिले में नदियों से रेत और बालू के खनन का धंधा जारी है। इसका पता जिला पंचायत द्वारा खनन के वाहनों से की गई राजस्व की वसूली और कई थाना क्षेत्रों द्वारा खनन सामग्री से लदे वाहनों को सीज किए जाने से आसानी से लग जाता है। 

जिला प्रशासन, खनन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण विभाग तीनों की लापरवाही का इस बात से पता चलता है कि पुलिस ने पकड़े गए खनन के वाहनों से जुर्माना वसूल किया। लेकिन खनन माफियाओं के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई अमल में नहीं आई। 

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