गरीबों को बांटा गया चावल खाने योग्य नहीं-गुप्ता

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना संकटकाल के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत, जो चावल प्रदेश के गरीबों को बांटा गया वह खाने योग्य नहीं था।;

Update: 2020-09-02 15:56 GMT

भोपाल । मध्यप्रदेश कांग्रेस ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना संकटकाल के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत, जो चावल प्रदेश के गरीबों को बांटा गया वह खाने योग्य नहीं था।

कांग्रेस की ओर से यहां जारी विज्ञप्ति में पार्टी के प्रदेश मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने इस घटना पर हैरानी जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड 19 की इस त्रासदी के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जो चावल बांटा गया, वह मनुष्यों के खाने योग्य नहीं था। उन्होंने कहा कि किसी महामारी की अवस्था में इस तरह का चावल गरीबों को बांटना अनुचित है।

विज्ञप्ति में कांग्रेस नेता ने बताया कि केंद्र सरकार की टीम ने बालाघाट एवं मंडला जिले में वेयर हाउसेस एवं राशन की दुकानों, शासकीय वितरण प्रणाली की दुकानों से 32 सैम्पल चावल के एकत्रित किए थे। यह 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच में एकत्रित किए गए, जिन्हें केंद्र सरकार ने दिल्ली की सीजीएएल लैब में जांच के लिए भेजा, जिसकी रिपोर्ट में इसे मनुष्य के खाने योग्य नहीं पाया गया है।

उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर राज्य सरकार को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने इसके लिए राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह को दोषी मानते हुए उन्हें तत्काल पद से बर्खास्त करने की मांग की है।

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