कश्मीर में अलगाववादियों के बंद के मद्देनजर प्रतिबंध

 प्रशासन ने अलगाववादियों द्वारा आहूत प्रदर्शन एवं बंद के मद्देनजर शुक्रवार को घाटी में कर्फ्यू जैसा प्रतिबंध लगा दिया;

Update: 2017-06-09 12:08 GMT

श्रीनगर।  प्रशासन ने अलगाववादियों द्वारा आहूत प्रदर्शन एवं बंद के मद्देनजर शुक्रवार को घाटी में कर्फ्यू जैसा प्रतिबंध लगा दिया। अलगाववादियों ने पिछले सप्ताह सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मारे गए युवक के विरोध में प्रदर्शन आहूत किया है।

ये क्षेत्र नौहट्टा, रैनावारी, खानयार, एम.आर.गंज, क्रालखंड, मैसूमा और सफा कदल पुलिसथानों के तहत आते हैं। अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा, कुलगाम, बारामूला, बडगाम, गांदरबल, बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। 

अलगाववादियों ने जनावपोरा गांव के आदिल फारुख मागरे की हत्या के विरोध में भी बंद एवं प्रदर्शन का आह्वान किया है।  गौरतलब है कि गुरुवार को पथराव कर रही भीड़ की सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़प में मागरे की मौत हो गई थी।

सुरक्षा के मद्देनजर सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है। शुक्रवार को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। बारमूला और बनिहाल के बीच चलने वाली रेल सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। 

वरिष्ठ अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी को नजरबंद रखा गया है, वहीं मीरवाइज उमर फारूक को भी शुक्रवार को नजरबंद किया गया है। पुलिस ने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन मलिक का कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है। वह लाल चौक पर प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। 

पुलिस ने बताया कि जिन स्थानों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, वहां पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है। घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है।
 

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