संविधान के दायरे में रहकर बढ़ाया आरक्षण की सीमा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्रीभूपेष बघेल ने कहा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति का आरक्षण बढ़ाकर हमने उनके प्रति कोई एहसान नहीं किया है बल्कि उन्हें उनका संविधान प्रदत्त अधिकार देने का काम किया है;

Update: 2019-09-09 14:33 GMT

बलौदाबाजार। मुख्यमंत्रीभूपेष बघेल ने कहा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति का आरक्षण बढ़ाकर हमने उनके प्रति कोई एहसान नहीं किया है बल्कि उन्हें उनका संविधान प्रदत्त अधिकार देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी समूहों को मिलाकर छत्तीसगढ़ में आरक्षण अब 82 प्रतिषत हो गया है। देष में सबसे ज्यादा आरक्षण प्रदान करने वाला पहला राज्य हो गया है। इससे वंचित समाज मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि आरक्षण बढ़ाकर हमारी सरकार ने बाबा साहब अम्बेडकर और बी.पी.मण्डल के सपनों को साकार किया है।

श्री बघेल आज जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के दषहरा मैदान में 102 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपजून करने के बाद आयोजित अभिनंदन एवं आभार समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे। आरक्षण की सीमा अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 14 प्रतिषत से बढ़ाकर 27 प्रतिषत और अनुसूचित जाति का 12 प्रतिषत से बढ़ाकर 13 प्रतिषत करने पर छत्तीसगढ़िया सर्व समाज महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री का सम्मान एवं आभार प्रकट किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना में अनुसूचित जाति की जितनी प्रतिषत जनसंख्या होगी, उतना आरक्षण दिया जाएगा।

फिलहाल वर्ष 2011 की जनगणना में 13 प्रतिषत आबादी उनकी है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुरूप काम करते हुए हमने 10 प्रतिषत आरक्षण गरीब सवर्ण को भी दिए हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव, नगरीय प्रषासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव डहरिया, विधायक सुश्री शकुन्तला साहू, विधायक श्री चन्द्रदेव राय, विधायक श्री प्रमोद शर्मा, नगरपालिका अध्यक्ष श्री विक्रम पटेल, पूर्व सांसद श्री सोहन पोटाई, पूर्व विधायक श्री जनकराम वर्मा, शैलेष नितीन त्रिवेदी सहित बड़ी संख्या में सर्व छत्तीसगढ़िया समाज के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री भूपेष बघेल ने आमसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी समस्या नक्सली नहीं बल्कि कुपोषण है। आज 37.5 प्रतिषत बच्चे कुपोषित और 41.5 प्रतिषत महिलाओं में खून की कमी से ग्रसित हैं। इसे दूर करने के लिए हमने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से सुपोषित छत्तीसगगढ़ अभियान चलाने का फेसला लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 8 महीने में हमारी सरकार ने पुरखों के सपनों को साकार करने का काम किया है।
 उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 2500 रूपये प्रति क्विंटल में धान खरीदने का निर्णय केवल चुनावी दृष्टिकोण से नहीं लिया है। हम इसे किसानों को मजबूत बनाने का जरिया मानते हैं।

 इस साल और इसके बाद भी हम 2500 रूपये क्विंटल के हिसाब से धान खरीदते रहेंगे। उन्होंने किसानों को समझाया कि यह सरकार आपकी है। इसलिए अपने पट्टे में केवल अपना धान ही बेचें। कोई कोचिया अथवा अन्य व्यक्ति को न दें। उन्होंने कहा कि हमने आदिवासियों की खरीदी गई जमीन का इस्तेमाल नहीं किये जाने के कारण उन्हें फिर से वापस कर दिया। इस तरह एक बार खरीदने के बाद पुन: जमीन वापस करने वाली देष-विदेष की पहली सरकार है। वन अधिकार पत्रक के सम्बंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विघ्नसंतोषी किस्म के लोग आदिवासियों को हित नहीं चाहते, इसलिए मामले को कोर्ट ले गए।

उन्होंने बताया कि न्यायालय ने केवल दो महीने के लिए प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद हम फिर से यह काम शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मुफ्त षिक्षा का दायरा 12 वीं तक बढ़ा दिया है। देष का पहला राज्य है जो कि मुफ्त षिक्षा 12 वीं तक दिया है। मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। गौपालन हमारे ग्रामीण जीवन में रचा-बसा है।

इसे किसी से प्रषिक्षण लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरे गांव के हर खेत को घेरने के बदले हम गौठान का घेराव करें। गौठान में गांव के पूरे गाय-बैल रहेंगे। उनके खाने-पीने की व्यवस्था होगी। गौठान में पक्की संरचना के बदले घास-फूस की अस्थाई व्यवस्था की जानी चाहिए। महिलाएं यहां के गोबर से जैविक खाद बनाएं। उन्हें भी रोजगार मिलेगा और आमदनी भी होगी। श्री बघेल ने कहा कि गौठान से मिले खाद की खरीदी राज्य सरकार करेगी।

इससे गौठान समिति की आमदनी बढ़ेगी। गायों की देख-रेख के लिए राज्य सरकार गौठान समिति को हर महीने 10 हजार रूपये देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद यह पहली सरकार है जिसमें हर छत्तीसगढ़िया महसूस कर रहा है कि उनकी अपनी सरकार है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के महान संत बाबा गुरू घासीदास एवं कबीर के संदेश का प्रभाव है कि हमारा प्रदेश शांति का टापू बना हुआ है। समारोह को पूर्व सांसद सोहन पोटाई एवं पूर्व विधायक जनकराम वर्मा ने भी सम्बोधित किया। सभा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राज्य की विकास यात्रा को दिखाती हुई प्रदर्षनी स्टॉल का अवलोकन किया।

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