मैकेनिक से 7 लाख की वसूली का आदेश निरस्त

हाईकोर्ट ने खनिज विभाग में कार्यरत डीजल मैकेनिक से 7,06,149/-रू. की वसूली आदेश को निरस्त करते हुए उससे वसूली की गई राशि तत्काल वापस करने के निर्देश दिया है।;

Update: 2017-03-27 14:27 GMT

बिलासपुर।  हाईकोर्ट ने खनिज विभाग में कार्यरत डीजल मैकेनिक से 7,06,149/-रू. की वसूली आदेश को निरस्त करते हुए उससे वसूली की गई राशि तत्काल वापस करने के निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता सुरेन्द्र सिंह ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका प्रस्तुत कर बताया कि खनिज विभाग में डीजल मेकेनिक के पद पर कार्यरत था दिनांक 31 मई 2010 को वह सेवानिवृत्त हो गया। इसके पश्चात उसे सेवानिवृत्ति देयकों का भुगतान हो गया एवं उसे नियमित रुप से पेंशन की राशि प्राप्त होने लगी।

7 वर्ष बाद अचानक प्रतिवादी ने 6 फरवरी को एक आदेश पारित किया कि 1.06.2010 से 31.01.2017 की अवधि में त्रुटिपूर्ण पेंशन निर्धारण के कारण अधिक पेंशन का भुगतान हो गया है। इस कारण उक्त मद में 7,06,149/- का राशि की वसूली का आदेश दिया जाता है एवं यह राशि याचिकाकर्ता के पेंशन से 8,000/- रू. प्रतिमाह कटौती करके की जाएगी। उक्त आदेश को उसने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए बताया कि त्रुटिपूर्ण पेंशन निर्धारण के लिए याचिकाकर्ता जिम्मेदार नहीं है।

हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार 5 वर्ष के पूर्व यदि कोई त्रुटिपूर्ण निर्धारण हुआ है तो ऐसे अधिक भुगतान की वसूली नहीं की जा सकती एक सेवानिवृत्त कर्मचारी होने के कारण याचिकाकर्ता से वसूली की भुगतान नहीं की जा सकती। सुनवाई पश्चात जस्टिस पी सेम कोशी ने आदेश दिया कि त्रुटिपूर्ण निर्धारण के लिए याचिकाकर्ता जिम्मेदार नहीं है न ही उसकी ओर से राशि प्राप्त करने के लिए कोई कपट या झूठा कथन किया गया है। वसूली 5 वर्ष के पूर्व हुआ है याचिकाकर्ता सेवानिवृत्ति कर्मचारी है इस कारण सर्वोच्च न्यायालय  द्वारा दिये गये दिशा निर्देश के अनुसार इस प्रकरण में वसूली नहीं की जा सकती। अत: वसूली आदेश दिनांक 06.फरवरी 2017 निरस्त किया जाता है एवं वसूली की राशि तत्काल याचिकाकर्ता को वापस करने की निर्देश दिया जाता है।

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