जिला अस्पताल में नियमित सफाई नहीं,लोग परेशान
जिला अस्पताल में साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता;
जांजगीर। जिला अस्पताल में साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता। वार्डो में नियमित साफ-सफाई नहीं होने से मरीजों को परेशानी हो रही है। वार्डो में बने शौचालयों का हाल बेहाल है। यहां पानी टंकियों की नियमित सफाई नहीं होने से मरीज दूषित पानी का उपयोग करने को मजबूर हैं, वहीं स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखाते हुए यहां के छत की सफाई भी नहीं होती।
जिससे यहां जलजमाव हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ही लोगों को सीख देता है कि बरसात में घर के आसपास के गड्ढों को पाट दें, कहीं भी पानी जमा न होने दें, मगर यही विभाग इसकी अनदेखी कर रहा है। लगभग 7 माह पूर्व पानी टंकी की नियमित सफाईर् नहीं किये जाने की शिकायत के बाद भी जिला न्यायाधीश द्वारा जांच टीम गठित कर उन्हें सफाई के निर्देश दिए गए थे, बावजूद इसके स्थिति जस की तस है। इनदिनों अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी हैं। जिले में इन दिनों मलेरिया, डायरिया, बुखार जैसी बीमारियां बढ़ने लगी है। अस्पताल प्रशासन द्वारा नालियों में मच्छरों व कीटों की रोकथाम के लिए नियमित डीडीटी व अन्य दवाईयों का भी छिड़काव नहीं किया जा रहा है। जिला अस्पताल में इन दिनों रोजाना डायरिया, मलेरिया बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।
पखवाड़े भर पहले जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में साफ सफाई की कमी के चलते डायरिया पीड़ित दर्जन भर मरीज अस्पताल पहुंचे थे। वहीं इक्के दुक्के मरीज रोज पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग भी मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के लिए सचेत नहीं है। जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीमारियों की रोकथाम के लिए आए दिन प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जिला अस्पताल में रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज ओपीडी में ईलाज कराके वापस लौट रहे हैं। वहीं ईपीडी में 30 से 35 मरीज रोजाना भर्ती हो रहे हैं। जिला अस्पताल में गंदगी का आलम है। यहां पानी टंकी की नियमित सफाई नहीं की जाती है, ऐसे में यहां मरीजों को दूषित पानी की आपूर्ति की हो रही है। हालांकि लगभग 7 माह पूर्व जिला अस्पताल परिसर में पानी टंकी की नियमित सफाई नहीं होने व दूषित पानी की आपूर्ति किये जाने की शिकायत के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव द्वारा जांच टीम गठित कर जांच के निर्देश दिये गए। जांच टीम द्वारा मौके का निरीक्षण भी किया गया, यहां अनियमितता पाये जाने पर टीम द्वारा संबंधित अधिकारियों को नियमित सफाई के भी निर्देश दिये गए। हालांकि न्यायालयीन अधिकारियों के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा तत्परता दिखाते हुए आनन-फानन में सफाई कर औपचारिकता निभा दी गई, लेकिन कुछ माह बीत जाने के बाद स्थिति जस की तस हो गई। यहां पूरे परिसर में गंदगी का आलम है। विभागीय उदासीनता का खामियाजा यहां पहुंचे मरीज व उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है।
वार्डों की नियमित नहीं हो रही सफाई
जिले में चल रहे स्वच्छ भारत अभियान से जिला अस्पताल को कोई लेना देना नहीं है। यहां साफ-सफाई का अभाव है। ऐसे में मच्छर, मक्खी पनपने लगे हैं। इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों को मच्छरों व कीटों से संक्रमण होने का खतरा बढ़ने लगा है। चिकित्सालय परिसर मे गंदगी फैली हुई है जिस पर प्रबंधन द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता और वार्डो की नियमित साफ-सफाईर् नहीं की जा रही है। वार्डो में भर्ती मरीज गंदगी में अपना ईलाज कराने को मबजूर हैं।