आनंद शर्मा बोले- भारत ने कभी भी धर्म को नागरिकता का आधार नहीं बनाया

नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास हो गया है और आज इसे ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया गया;

Update: 2019-12-11 13:00 GMT

 नई  दिल्ली । नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास हो गया है और आज इसे ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश कर दिया । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज इस बिल को पेश किया ।

Citizenship (Amendment) Bill 2019 in Rajya Sabha. https://t.co/nG8BIUfSPo

— Amit Shah (@AmitShah) December 11, 2019

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा बोले कि इस बिल को लेकर जल्दबाजी क्यों हो रही है, संसदीय कमेटी के पास इसे भेजा जाता और तब लाया जाता.आनंद शर्मा ने कहा कि 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, ये विरोध के लायक ही है । ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है, ये बिल प्रस्तावना के खिलाफ है। ये बिल लोगों को बांटने वाला है । हिंदुस्तान की आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ था, तब संविधान सभा ने नागरिकता पर व्यापक चर्चा हुई थी । बंटवारे की पीड़ा पूरे देश को थी, जिन्होंने इसपर चर्चा की उन्हें इसके बारे में पता था ।

विपक्ष इस बिल का लगातार विरोध कर रहा है और संविधान विरोधी बता रहा है । इस बिल के खिलाफ असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री  ने राज्यसभा में कहा कि इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं, इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा । अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था.

जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए, उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली । पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं। इस बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियातत मिलेगी।

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